रविचंद्रन अश्विन का चौंकाने वाला फैसला: 15 साल के ऐतिहासिक करियर के बाद क्रिकेट को कहा अलविदा!

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। अपने 15 साल के करियर में अश्विन ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट में उनकी सफलता ने उन्हें विश्व क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल कर दिया। उनके संन्यास के साथ ही एक ऐसा युग समाप्त हुआ, जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

टेस्ट क्रिकेट में अश्विन का योगदान

अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लेकर न केवल भारतीय बल्कि विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में अपनी जगह बनाई। वह सर्वकालिक विकेट लेने वालों की सूची में सातवें स्थान पर हैं। भारतीय गेंदबाजों में वह अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।

गेंदबाजी के आंकड़े:

  • स्ट्राइक रेट: 50.73 (500+ विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ)
  • औसत: 24.00 (तीसरा सर्वश्रेष्ठ)
  • पारी में पांच विकेट: 37 बार (मुथैया मुरलीधरन के 67 बार और शेन वॉर्न के 37 बार के बराबर)
  • मैच में दस विकेट: 8 बार (भारतीय गेंदबाजों में सबसे अधिक)

घरेलू प्रदर्शन का दबदबा:

अश्विन का घरेलू मैदान पर प्रदर्शन भारतीय टीम की सफलता की नींव रहा।

  • उन्होंने घरेलू मैदान पर 65 टेस्ट खेले और इनमें 383 विकेट चटकाए। यह किसी भी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
  • उनके 29 बार घरेलू मैदान पर पारी में पांच विकेट मुरलीधरन (45) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
  • भारत ने इन 65 घरेलू टेस्ट में से 47 जीते।

मैच जिताने वाला प्रदर्शन:

अश्विन के 537 टेस्ट विकेटों में से 374 जीत वाले मैचों में आए, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज के लिए सबसे अधिक हैं। उनकी 31 बार पारी में पांच विकेट और आठ बार मैच में 10 विकेट जीत की राह आसान करते रहे।

गेंद और बल्ले से योगदान

अश्विन केवल एक शानदार गेंदबाज ही नहीं, बल्कि उपयोगी बल्लेबाज भी रहे।

  • टेस्ट में कुल रन: 3503
  • शतक: 6 (चार बार नंबर 8 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाया)
  • पांच विकेट और शतक का रिकॉर्ड: 4 बार (इस मामले में केवल इयान बॉथम उनसे आगे हैं, जिन्होंने 5 बार यह कारनामा किया)।

विजयी पारियां:

  • अश्विन के छह शतकों में से पांच भारत की जीत में अहम रहे।
  • उनका ऑलराउंड प्रदर्शन टीम की सफलता का बड़ा कारण रहा।

दूसरे गेंदबाजों के साथ तुलना

अश्विन का करियर आंकड़ों के लिहाज से विश्व स्तरीय रहा।

  • 500+ टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों में केवल स्टुअर्ट ब्रॉड और अनिल कुंबले ने टेस्ट में शतक बनाए हैं।
  • अश्विन के 537 विकेटों के साथ उनकी बल्लेबाजी ने उन्हें ऑलराउंडर का दर्जा दिलाया।

बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन

अश्विन ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अपने प्रदर्शन से खास पहचान बनाई।

  • उन्होंने 268 विकेट चटकाए, जो कि किसी भी गेंदबाज के सर्वाधिक में से एक है।
  • उनकी औसत 19.85 रही, जो बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी में से एक है।

टीम इंडिया के लिए रिकॉर्ड

  • अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल विकेट: 765 (टेस्ट, वनडे और टी20 मिलाकर)
  • भारतीय खिलाड़ियों में स्थान: अनिल कुंबले (953 विकेट) के बाद दूसरे स्थान पर।
  • वनडे विकेट: 150+
  • टी20 विकेट: 74 (भारतीय स्पिनरों में दूसरे स्थान पर, युजवेंद्र चहल के बाद)।

अश्विन का संन्यास: भारतीय क्रिकेट का एक अध्याय समाप्त

अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट एक ऐसे खिलाड़ी को अलविदा कह रहा है, जिसने टीम को कई यादगार जीत दिलाई। उनके रिकॉर्ड्स और योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। अश्विन का करियर इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और प्रतिभा के बल पर कैसे क्रिकेट की दुनिया में इतिहास रचा जा सकता है।

उनकी अनुपस्थिति भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति होगी, लेकिन उनके द्वारा स्थापित मानक लंबे समय तक याद किए जाएंगे।

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