विकसित भारत संकल्प यात्रा में पिता ने बताया सरकारी खर्च से हुआ बच्ची का इलाज

न्यूज़लाइन नेटवर्क, सारंगढ़ बिलईगढ़

सारंगढ़ बिलाईगढ़ : विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में मेरी कहानी- मेरी जुबानी के तहत एक पिता ने सरकारी खर्च से अपने बच्ची के इलाज के बारे में बताया। पिता ने कहा-मैं भुवनेश्वर पटेल निवासी कालाखूंटा विकासखंड बरमकेला, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ का निवासी हूं। जब मेरी पुत्री नहीं सुन पा रही है। यह जानकर मैं बहुत हैरान सा रह गया था। दिल बहुत रोने लगा। जब मैं बेटी के इलाज हेतु किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ ले गया और ओएई टेस्ट-जांच हुआ तो उन्होंने मुझे बताया कि समस्या है। अतः कन्फर्मेशन के लिए बेरा टेस्ट का सलाह दिए। उस समय कोरोना की हड़कम्प चल रही थी शासकीय अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही हो रही थी और हमे भी कोरोना महामारी का डर था उसी समय मैंने एक रायपुर की प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए सलाह लेने गया उन्होंने बताया की हियरिंग एड मशीन से भी बच्ची सुन सकती है या इसकी कॉक्लियर इंप्लांट करवा सकते हैं, लेकिन ये काफी महंगा ऑपरेशन है। फिर मैंने पूछा की इस ऑपरेशन, इलाज से क्या मेरी बेटी सुन सकेगी ? उसके बाद मैने हेयरिंग एड मशीन ली और उसका उपयोग करना शुरू कर दिया साथ में थेरेपी भी किए पर इसका कोई असर नहीं हुवा। फिर मैंने सारी उम्मीदें ही छोड़ दिया था।

एक दिन अचानक मैंने अपने नजदीकी उपस्वास्थ्य केंद्र डोंगरीपाली पहुंचा वहां डॉ टीएल मिश्रा और नर्स मेनका पटेल जी से मिला। उन्होंने बताया कि आपकी बेटी का इलाज चिरायु योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से हो सकता है। फिर उन्होंने पूरी जानकारी के साथ मुझे बरमकेला के चिरायु टीम के डॉ पी डी खरे जी से संपर्क करवाये। टीम द्वारा जांच व चिन्हांकन के पश्चात चिरायु आईडी से 19 अगस्त 2021 को तत्काल मेडिकल कॉलेज रायगढ़ रिफर किया। जहां समस्त जांच के बाद एम्स अस्पताल रायपुर रिफर किया गया। आवश्यक जांचोपरांत थेरेपी की सलाह दिए, जिसे हमारे परिवार द्वारा समय पर पूर्ण कर लिया गया। फिर अस्पताल के द्वारा कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की सलाह दी गयी, जिसका इलाज खर्च चिरायु योजना से होना बताया गया। फिर समय-समय पर सारे जांच तथा वेक्सीन करवाये गए।

चिरायु टीम के द्वारा बराबर गाईड व मोटिवेट इलाज हेतु किया गया। अंततः 1 दिसम्बर 2023 को एम्स अस्पताल रायपुर में ऑपरेशन के लिए भर्ती करवाया गया। सभी प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य दुरुस्तीकरण के बाद 4 दिसम्बर 2023 सोमवार को कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। हफ्ते भर डॉक्टर्स अपने ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।

इस प्रकार के ऑपरेशन में लाखों रुपए खर्च होता है लेकिन चिरायु योजना से फ्री में, निःशुल्क हुआ है। मेरी बेटी अभी स्वस्थ महसूस कर रही है। मैं और मेरा परिवार का सरकार को, चिरायु टीम को धन्यवाद, आभार है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) एक पहल है जिसका उद्देश्य जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात बीमारियों – जन्म के समय दोष, बीमारियाँ, कमियाँ और विकलांगता सहित विकास में देरी की जांच करना है। बीमारियों से पीड़ित बच्चों को एनएचएम के तहत सरकारी और निजी अस्पताल स्तर पर सर्जरी सहित अनुवर्ती कार्रवाई मुफ्त में दी जाती है।

चिरायु टीम : कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन व कुशल मार्गदर्शन में चिरायु टीम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ आर निराला, डॉ. अवधेष पाणिग्रही, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बरमकेला, डॉ. प्रभुदयाल खरे, जिला नोडल अधिकारी (चिरायु), डॉ. बबिता पटेल, वर्तमान डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. नीतू भगत, कविता पटेल, प्रवीण पाणिग्रही (फार्मासिस्ट), अनिता तांडी, राधा खूंटे (एएनएम), मोहनीश देवांगन (लैब टेक्नोलॉजिस्ट), बीपीएम ईश्वर दिनकर और जिला कार्यक्रम प्रबन्धक एनएल इजरदार शामिल है।

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