स्वास्थ्य विभाग में जमकर भ्रष्टाचार, केवल कमीशनखोरी के लालच में ठेके पर चल रही है सरकार – सुरेन्द्र वर्मा

आयुष्मान कार्ड का 1500 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया, बिना इलाज़ के लौटाए जा रहे हैं मरीज

न्यूजलाइन नेटवर्क , रायपुर ब्यूरो

रायपुर : स्वास्थ्य विभाग में घटिया, स्तरहीन दवा, इंजेक्शन और उपकरणों की खरीदी पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूरा स्वास्थ्य विभाग कमीशनखोरी के लालच में ठेके पर चल रहा है। सत्ता के संरक्षण में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने सरकारी अस्पतालों के लिए खून पतला करने वाला घटिया इंजेक्शन हेपेरिन गुजरात की कंपनी से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा है। सूचना है कि सप्लायर कंपनी अपने प्रदेश में जो इंजेक्शन 19 रुपए 30 पैसे के दर से सप्लाई करती है इसी इंजेक्शन को इसी दवा कंपनी से छत्तीसगढ़ के सरकारी दवा कॉर्पोरेशन ने 221 प्रतिशत ज्यादा कीमत पर खरीदा है। उससे भी गंभीर बात यह है कि हार्ट के ऑपरेशन में काम आने वाला सरकारी सप्लाई का हेपरिन इंजेक्शन जांच में घटिया निकल रहा है इंजेक्शन के काम नहीं करने से डॉक्टर भी हैरान है लेकिन सरकार में बैठे लोग कमीशन पाकर आंख मूंदे बैठे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि इंजेक्शन और दवाओं के साथ ही उपकरणों की खरीदी में भी बड़ा गड़बड़ घोटाला है। सीटी स्कैनर खरीदी में सप्लायर कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने की नियत से जानबूझकर नियमों को अनदेखा किया गया। जिस सीटी स्कैनर मशीनों को एक्सपर्ट की कमेटी ने मना किया था, एक नई कमेटी बनाकर उसे दूसरी बार में मंजूर करके उसी मशीनों को 56 करोड़ की खरीदी कर ली गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है की मशीनों में जो फीचर्स चाहिए, वह पैकेज में है ही नहीं है। अपूर्ण गुणवत्ता की मशीनों को केवल मुनाफे में कमीशन के लालच में खरीद ली गई है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार छत्तीसगढ़ में आयी है, स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से बदहाल हो चुका है। आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों को निःशुल्क उपचार देने वाले अस्पतालों का 1500 करोड़ से ज्यादा का भुगतान लंबित है। प्रदेश के कई छोटे-बड़े अस्पताल मरीजों के इलाज से हाथ खड़े करने लगे हैं और तरह-तरह के बहाने बनाकर मरीजों को बिना इलाज़ के लौटा रहे हैं। कई अस्पताल आधा भुगतान नगद लेन की शर्त पर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। छोटे और मंझोले अस्पताल जो ज्यादातर आयुष्मान कार्ड के भरोसे ही इलाज पर निर्भर थे, वहां तालाबंदी की स्थिति बन चुकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य सहायता योजना का सरकारी अस्पतालों का भी भुगतान नहीं हुआ है, इसके चलते स्वास्थ्य सुविधा बुरी तरह चरमरा गया है। भाजपा सरकार का फोकस केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में है। साय सरकार में प्रदेश में दम तोड़ रही है स्वास्थ्य व्यवस्था से इलाज के अभाव में जनता बेमौत मरने मजबूर है।

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