
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट- ए. पी. मालवीय
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। जनपद पंचायत दफ्तर बैढ़न एवं चितरंगी पिछले 08 महीने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी विहीन है। हालाकि जनपद बैढ़न 03 महीने से प्रभारी के दम पर चल रहा है। दरअसल जनपद पंचायत चितरंगी पिछले करीब 08 महीने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार तहसीलदार चितरंगी के पास है। वही पिछले 03 महीने से बैढ़न का सीईओ का प्रभार डिप्टी कलेक्टर को मिला हुआ है। दोनों जनपद पंचायत मुखिया विहीन होने से ग्राम पंचायतो के कामकाज जहा प्रभावित हो रहा है। वही दोनो दफ्तर भगवान के सहारे चल रहा है।
आलम यह है कि मुखिया विहीन दफ्तर में दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों को खाली हाथ लौटना पड़़ रहा है। साथ ही अधिकांश ग्राम पंचायतो में भी भर्रेशाही का आलम है। कई पंचायतो सरपंच-सचिव तथा रोजगार सहायको की मनमानी चल रही है। कई ग्राम पंचायतो में तलाब के कार्य मजदूरो के बदले अधिकांश जेसीबी मशीनो से कराया जा रहा है। इसकी कई बार शिकायते भी जनपद पंचायतो से लेकर जिला पंचायत तक की गई। फिर भी शिकायतों का निराकरण नही किया जा सका। जिससे शिकायतकर्ताओं का भी जिला एवं जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों से भरोसा उठता जा रहा है। हालाकि जिला पंचायत अधिकारी भी जनपद पंचायत दफ्तर मुखिया विहीन होने का रोना रोते हुए अपनी बिवशता बताने लगते है। जबकि पंचायत विकास राज्यमंत्री का यह गृह जिला के साथ-साथ चितरंगी जनपद पंचायत मुख्यालय ग्राम भी है। फिर भी पंचायत राज्य मंत्री गृह जनपद पंचायत करीब 08 महीना से सीईओ विहीन है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है की जब मंत्री के गृह ग्राम के जनपद में मुख्यकार्यपालन अधिकारी नही है। तो अन्य जनपदो में सीईओ के रिक्त पदो की पूर्ति न हो पाना स्वभाविक माना जाता है। फिलहाल जनपद बैढ़न एवं चितरंगी में मुख्यकार्यपालन अधिकारी के पद रिक्त होने और दफ्तर वैशाखी के सहारे चलने पर प्रदेश सरकार पर विपक्षी दल कांग्रेस एवं आप के नेता सवाल खड़े कर रहे है।