निस्वार्थ भाव से प्रेम व भक्ति करनी चाहिए जिससे अपना और अपने परिवार का कल्याण होता है।

न्यूजलाइन नेटवर्क – डिप्टी व्यूरो – सन्तोष द्विवेदी

सिंगरौली/मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गांधीनगर पोरसा पर बीके रेखा बहन ने बताया कि निस्वार्थ भाव से किए गए प्रेम व भक्ति से जीवन सार्थक और सफल होता है तथा अहंकार व घमंड से सब कुछ बर्बाद हो जाता है रावण ने अपने घमंड में सोने की लंका तक को बर्बाद कर लिया था इसलिए घमंड नहीं करना चाहिए।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पोरसा के मुख्य सेवा केंद्र पर आज बीके रेखा बहन ने कहा है कि हम सबको मीरा की तरह शबरी की तरह और सुदामा की तरह निस्वार्थ प्रेम करना चाहिए निस्वार्थ प्रेम में प्रेम पूर्वक भाव होते हैं भरपूर स्नेह समाया हुआ होता है परमात्मा से भी निस्वार्थ प्रेम अगर करेंगे तो मीरा की तरह जहर भी हमारे जीवन पर कोई प्रभाव ना डाल सकेगा अगर आध्यात्मिकता की ओर इस बात पर प्रकाश डाला जाए तो जहर अर्थात जो जहर भरी वाणी आज के समय में एक दूसरे के प्रति उपयोग करते हैं वह वाणी हम पर प्रभाव ना डाल सकेगी अगर हम निस्वार्थ भाव से सहयोग, प्रेम, अच्छा व्यवहार करेंगे तो हमें भी निस्वार्थ प्रेम मिलेगा साथ में यह यह भी कहा है कि हम सबको अपनी मधुर वाणी का ही उपयोग करना चाहिए मधुर भाषी व्यक्ति जिसको चाहे अपना बना सकता है पर मधुर अर्थात दिखावा और स्वार्थ वाली बातें नहीं निसार्थ भाव से की गई हुई बातें निस्वार्थ भाव से किए हुए वादे, प्रतिज्ञाएं, संकल्प श्रेष्ठ सिद्ध होते हैं वहीं उपस्थित रामकुमार गुप्ता जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा है।

आप सब अपने मन में मजबूत संकल्प कर ले कि हमें हर मनुष्य आत्मा के प्रति रहम, दया, करुणा, प्रेम की भावना से रिश्ते बनाने हैं तो हमारा हर रिश्ता भाईचारे में और प्रेम के एकता के सूत्र में बंद जाएगा और यह रिश्ते की डोर टूटे भी कोई तोड़ ना पायेगा आप सभी को यही कहना चाहूंगा कि आप सभी सुई के समान एक दूसरे को जोड़ने का प्रयास करें, एक दूसरे से जुड़ने का प्रयास करें, कैंची की तरह रिश्तो को तोड़ने का या काटने का प्रयास न करें, अगर रिश्ते मजबूत होंगे चाहे वह व्यक्ति से रिश्ता हो चाहे वह ईश्वर से रिश्ता हो वह तभी मजबूत होगा जब उस रिश्ते की डोर प्रेम और पवित्रता की डोर से बंधी हुई हो मुख्य रूप से कार्यक्रम में उपस्थिति रही बीके रेखा बहन बिना तोमर, सुनीता तोमर, गीता शर्मा, पुष्पा शर्मा, कमला नरवरिया, सत्यवती गुप्ता, सत्यवती ओझा, पूरन ओझा, लता श्रीवास्तव, सोनू श्रीवास्तव, समाज सेवक जसराम गुप्ता, सूरज तोमर, अरुण तोमर, चिंटू तोमर, मंसाराम जाटव, गुरु नारायण गुप्ता, मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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