चितरंगी परियोजना में आंगनवाड़ी केंद्रों की मनमानी, जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठे सवाल।

न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी।

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली जिले के चितरंगी परियोजना क्षेत्र में आंगनवाड़ी केंद्रों की मनमानी का मामला सामने आया है। हाल ही में एक पत्रकार ने एक ही दिन में तीन आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया, लेकिन तीनों केंद्र बंद पाए गए। इस गंभीर मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदारों की चुप्पी सवालों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार, आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और इसके बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही है। पत्रकार द्वारा किए गए दौरे में यह स्पष्ट हुआ कि आंगनवाड़ी केंद्र संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं और सरकार के उद्देश्य को दरकिनार कर रहे हैं।
क्या है सरकार का उद्देश्य:- सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना बच्चों के विकास और पोषण के उद्देश्य से की थी, ताकि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं पहुंचाई जा सकें। लेकिन चितरंगी परियोजना में स्थिति अलग ही नजर आ रही है, जहां जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल नजर आ रहे हैं।
जिम्मेदारों की लापरवाही या मिलीभगत:- सवाल उठता है कि क्या चितरंगी परियोजना के अधिकारी और सुपरवाइजर केंद्रों की नियमित रूप से विजिट करते हैं या नहीं? क्या वे अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर हैं? क्या केंद्रों के संचालन में कोई मिलीभगत हो रही है? इन सभी सवालों का जवाब नहीं मिलता, जिससे यह सवाल और गंभीर हो जाता है।
कब तक चलेगी यह स्थिति:- अब यह चिंता का विषय है कि जब तक इस पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक केंद्रों की मनमानी जारी रहेगी। जिम्मेदारों की चुप्पी और अधिकारियों की लापरवाही आखिर कब तक सहन की जाएगी? सवाल यह भी है कि कब तक यह स्थिति बनी रहेगी और कब तक जिम्मेदार अपनी आंखें बंद किए रखेंगे? यह स्थिति शासन और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है, और यह देखना होगा कि इस पर कोई ठोस कार्रवाई की जाती है या नहीं।

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