
न्यूज़लाइन नेटवर्क, कांकेर ब्यूरो
कांकेर : कोरोना जैसी महामारी में भी कई निजी फर्मो तथा स्कूल कॉलेजों ने “आपदा में अवसर” जैसी मौकापरस्ती दिखाते हुए हज़ारों लोगों के वेतन, फीस आदि दबा लिए। ऐसा ही उदाहरण छत्तीसगढ़ में भी मिला, जब कुमारी तुलेश्वरी साहू पिता देव चरण साहू निवासी कोरर भानु प्रतापपुर जिला कांकेर के साथ रायपुर की कोचिंग संस्थान ने ठगी की।
प्रकरण इस प्रकार है कि तुलेश्वरी ने 8 जनवरी 2020 को नेट जे आरएफ सेट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए रायपुर की कोचिंग संस्था हेम्स केमेस्ट्री प्वाइंट में दाखिला लेकर निर्धारित फीस 23,500/ दो किस्तों में जमा की लेकिन कुछ ही दिनों बाद कोरोना महामारी का बहाना देकर कोचिंग संस्थान बंद कर दिया गया और आश्वासन दिया गया कि महामारी समाप्त होने के पश्चात पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी अथवा ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा लेकिन बहुत इंतज़ार करने के बाद भी कोई ऑनलाइन ऑफलाइन प्रशिक्षण शुरू नहीं किया गया यहां तक कि महामारी होने के बाद भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया और पूरे सत्र के लिए दी गई फीस 23,500/ भी वापस नहीं की गई । इसके बाद कुमारी तुलेश्वरी साहू ने वकील द्वारा संस्था को नोटिस भी भिजवाया लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इससे व्यथित होकर तुलेश्वरी ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ज़िला कांकेर में कोचिंग संस्थान के विरुद्ध दावा प्रस्तुत किया ।
पक्ष विपक्ष की सुनवाई तथा मामले के गहन अध्ययन के पश्चात आयोग की माननीय अध्यक्ष श्रीमती सुजाता जसवाल तथा माननीय सदस्य डाकेश्वर सोनीजी ने 19 फरवरी को अपने फैसले में स्पष्ट आदेश दिए कि यह सेवा में कमी का मामला है अतः कोचिंग संस्थान कुमारी तुलेश्वरी साहू को प्रशिक्षण शुल्क के रूप में जमा की गई 23500 की संपूर्ण राशि तथा उस पर दावा प्रस्तुति दिनांक 9,4.2024 से 7% साधारण ब्याज की दर से एक माह के भीतर प्रदान करें इसमें विलंब होने पर ब्याज की दर 9% की जाएगी । इसके अलावा फ़रियादी को मानसिक पीड़ा व परेशानी के संबंध में क्षतिपूर्ति राशि 5000/ भी एक माह के भीतर प्रदान करने होंगे , यही नहीं फ़रियादी को मुक़दमे का हरजा खर्चा 3000/ भी कोचिंग संस्थान द्वारा दिया जाएगा। इस फ़ैसले से न केवल तुलेश्वरी साहू को न्याय मिला है बल्कि इस तरह की संस्थाएं जिस प्रकार अपने प्रशिक्षणार्थियों का पूरे सत्र का प्रशिक्षण शुल्क खा बैठी हैं, उन पर भी गाज गिरनी निश्चित हो गई है।