नर्मदा बिहार गिरिजा शंकर ग्रीन रेजिडेंसी, ओरगाई रोड बुड़हर कला में होने वाली नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा आयोजित।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। नर्मदा बिहार गिरिजाशंकर ग्रीन रेजिडेंसी, ओरगाई रोड बुड़हर कला सोनभद्र में आयोजित होने वाली नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा तथा रूद्रमहायज्ञ के छठवां दिवस पर काशी से पधारे हुए अनन्त विभूषित काशी धर्म पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज ने शिव पार्वती विवाह के प्रसंग को भक्तों को सुनाया। शिव पार्वती विवाह प्रसंग में महाराज ने बताया कि जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। शिव का विवाह बहुत भव्य और विचित्र थी। ऐसी शादी कभी नही हुई। शिव दुनिया के सबसे तेजस्वी देव है। शिव एवं पार्वती एक दूसरे को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। सभी देवता तो विराजमान थे ही साथ ही असुर, भूत, प्रेत, पिशाच, सभी बाराती बनकर पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि जहां देवता जाते थे, वहां असुर को जाने से मना कर देते थे, और जहां असुर जाए वहां देवता नहीं जाते थे। शिव पशुपति है सभी जीवों के देवता भी है। इसलिए सारे जानवर, कीड़े मकोड़े, और सारे जीव जंतु विवाह में शामिल हुए। यहां तक भूत पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बनकर पहुंचे थे। उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी, मगर यह तो शिव का विवाह था। इसलिए उन्होंने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया। सभी बड़ी एकाग्रता से कथा सुनी। वहीं काशी से पधारे विद्वत जनो ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में काशी धर्म पीठ परम्परानुसरा पादुका पूजन का कार्यक्रम कराया अन्यान् जिलों से पधारे भक्तों ने कथा का लाभ प्राप्त किया और अंत में महाआरती और एवं प्रसाद का वितरण कराया गया।

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