न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। नगर निगम परिषद की बैठक को लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर से एक आम निर्णय हुआ है। 0 3 मार्च को आयोजित परिषद की बैठक को न्यायालय के द्वारा स्थगित कर दिया गया है। दरअसल नगर निगम परिषद की बैठक को बुलाने के अधिकार को लेकर सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 24 के पार्षद शिवकुमारी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका दायर की थी। याचिका में इस बात का उल्लेख था कि आयुक्त बैठक नही बुला सकते 21 फरवरी को पारित आदेश को पार्षद के द्वारा चुनौती दिया गया था। जहां बैठक 03 मार्च को बुलाई गई थी।
उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के द्वारा दोनों पक्षो का तर्क सुनने के बाद यह निर्णय सुनाया गया कि नगर निगम अधिनियम की धारा 18 ए में निहित प्रावधानों के अनुसार यह शक्ति अध्यक्ष में निहित है ना कि आयुक्त में इस तथ्य को नगर निगम के विद्वान अधिवक्ता शीतल तिवारी ने स्वीकार किया है। न्यायमूर्ति के द्वारा आगे कहा गया है कि ऐसे तथ्य के मद्दे नजर क्योंकि आयुक्त ने प्रथमदृष्टया अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है और अध्यक्ष में निहित अधिकार का अतिक्रमण किया है।
इसलिए विवादित नोटिस को खारिज किया गया है। याचिका को स्वीकार कर उसका निपटारा किया गया है। यहां बताते चले कि ढाई दशक से परिषद की बैठक का एजेंडा आयुक्त एवं महापौर तय करते आ रहे थे। लेकिन इस निर्णय से अब परिषद के बैठक का एजेंडा परिषद अध्यक्ष को ही अधिकार निहित है।
नगर पालिका निगम अध्यक्ष सिंगरौली का कहना है कि :- बैठक को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा स्थगित कर दिया गया है। अध्यक्ष के अधीकार पर अतिक्रमण था। जल्दी ही अगली परिषद की बैठक तय की जावेगी।