आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल मीरजापुर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार सोनभद्र में सिंचाई व्यवस्था को लेकर विशिष्ट अधिकारियों के साथ आहुत की गई बैठक।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल मीरजापुर/नोडल अधिकारी जनपद सोनभद्र बाल कृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सोनभद्र बी0एन0 सिंह, जिलाधिकारी मीरजापुर प्रियंका निरंजन, मुख्य विकास अधिकारी सोनभद्र जागृति अवस्थी, अधिशासी अभियन्ता, मीरजापुर नहर प्रखण्ड मीरजापुर व जनपद सोनभद्र के अधिशासी अभियन्ता नहर प्रखण्ड सोनभद्र की उपस्थित में बैठक की गयी। बैठक में जिलाधिकरी मीरजापुर द्वारा जनपद सोनभद्र में निर्मित धंधरौल बॉध से निकलने वाली घाघर मुख्य नहर को उसकी पूर्ण क्षमता 2000 क्यूसेक से चलाकर डोगिया बॉध एवं अहरौरा बॉध डोगिया फीडर के माध्यम से अपर खजुरी बॉध को घाघर मुख्य नहर/मड़िहान शाखा नहर के हसरा स्केप/देवरी के माध्यम से फीड करते हुये पेयजल एवं सिंचाई हेतु जलापूर्ति करने की मांग पर विचार-विमर्श किया गया। जिस पर जिलाधिकारी सोनभद्र बी0एन0 सिंह ने जनपद में पानी की आवश्यकता को देखते हुए भविष्य में धंधरौल बॉध में पेयजल हेतु उचित जल स्तर तक जल का भण्डारण आरक्षित करते हुए सोनभद्र में जल का उपयोग किये जाने की बात रखी गयी है। उन्होंने बताया कि सोन पम्प नहर द्वारा सोन नदी के जल को चार चरणों में कुल 160 मीटर उठाकर मीरजापुर नहर प्रखण्ड मीरजापुर के नियंत्रणाधीन घाघर मुख्य नहर के किमी0 4.060 पर जलापूर्ति की जाती है तथा बंधी प्रखण्ड-द्वितीय, रॉबर्ट्सगंज के नियंत्रणाधीन बलुई बंधी को उनकी मांग के अनुसार जलापूर्ति की जाती है। सोन नदी के जल को घाघर मुख्य नहर द्वारा विभिन्न जलाशयों एवं नहरों में ले जाने हेतु कैरेज सिस्टम मीरजापुर नहर प्रखण्ड मीरजापुर के नियंत्रणाधीन है।
जिलाधिकारी सोनभद्र ने बताया कि ओबरा जल विद्युत गृह में कुल तीन टरबरईन लगे है, जिससे आवश्यक्तानुसार एवं जल की उपलब्धतानुसार टरबाईनों का संचालन हाईडिल द्वारा किया जाता है। रिहन्द नदी पर स्थित रिहन्द डैम से टरबाईन चलाकर पावर जनरेशन किया जाता है तथा उसी समय ओबरा डैम से भी टरबाईन चलाकर पावर जनरेशन किया जाता है। एक टरबाईन के चलने पर लगभग 6500 क्यूसेक डिस्चार्ज सोन नदी में जाता है। ओबरा डैम से सोन नदी पर स्थित प्रथम चरण पम्प हाउस की दूरी लगभग 20 किमी0 है। जिससे ओबरा डैम से टरबाईन चलने पर कुछ ही घण्टों में सोन नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, पानी की कमी के कारण टरबाईन न चलने से भी सोन नदी का जलस्तर कम हो गया है। सोन पम्प नहर के संचालन हेतु तीन ईकाइयॉ कार्य करती है। सिविल संगठन द्वारा नहरो का रख-रखाव, पम्पगृहों का रख-रखाव आदि सिविल सम्बंधी कार्य ओबरा बॉध खण्ड ओबरा से व्यवहारित होते है, पम्पगृहों में स्थापित पम्पों का संचालन एवं उनके अनुरक्षण का कार्य सोन यांत्रिक निर्माण खण्ड वाराणसी द्वारा किया जाता है एवं विद्युत सम्बंधी कार्य सोन यांत्रिक खण्ड वाराणसी के सम्न्वय से विद्युत वितरण खण्ड रॉबर्ट्सगंज द्वारा किया जाता है। सोन पम्प नहर द्वारा सोन नदी के जल को चार चरणों में कुल 160 मीटर उठाकर मीरजापुर नहर प्रखण्ड मीरजापुर के नियत्रणाधीन घाघर मुख्य नहर के किमी0 4.060 पर जलापूर्ति की जाती है तथा बंधी प्रखण्ड-द्वितीय, रार्वट्सगंज के नियंत्रणाधीन बलुई बंधी को उनकी मांग के अनुसार जलापूर्ति की जाती है।

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