जिलाधिकारी ने नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) का किये शुभारंभ।

न्यूजलाइन नेटवर्क- ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह ने नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) का शुभारंभ आज सर्किट हाउस चुर्क सभागार में किये, इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उपस्थित जनमानस, धर्मगुरूओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद सोनभद्र में आज सिविल डिफेंस का शुभारंभ किया जा रहा है, सिविल डिफेंस की शुरूआत 1962 में भारत-चीन के युद्ध के समय की गयी थी, राज्यपाल के अनुमति से 29 मई, 2025 को मुख्यमंत्री के निर्देशन में शासनादेश जारी हुआ कि प्रदेश के जिन जनपदों में अभी तक सिविल डिफेंस की शुरूआत नहीं की गयी है, उन जनपदों में भी सिविल डिफेंस प्रारंभ किया जाये, उस निर्देश के क्रम में आज जनपद सोनभद्र सिविल डिफेंस का शुभारंभ किया गया, सिविल डिफेंस के नोडल अधिकारी जनपद में उप जिला मजिस्ट्रेट मुख्यालय प्रमोद तिवारी को बनाया गया है, सिविल डिफेंस में सम्मिलित होने के लिए व्यक्ति को आवेदन पत्र जमा करना होगा, जो व्यक्ति समाज सेवा से जुड़ना चाहते हैं, वह अपना आवेदन पत्र भरकर जमा कर सकते हैं, आवेदन के पश्चात व्यक्ति का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जायेगा, पुलिस वेरीफिकेशन पश्चात व्यक्ति को परिचय पत्र जारी किया जायेगा, सिविल डिफेंस में कोई भी व्यक्ति जो किसी राजनैतिक दल से सम्बन्ध न रखता हो, वह आवेदन कर सकता है, जनपद स्तर पर एक व्यक्ति का चयन किया जायेगा, जिसको चीफ वार्डन का पद दिया जायेगा, इसके अतिरिक्त जो भी व्यक्ति का चयन होगा, वह वार्डेन पद पर चयनित होंगें। सिविल डिफेंस के नागरिकों को समय-समय पर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी दिये जायेंगें, प्रशिक्षण का खर्च सरकार/सम्बन्धित संस्थान द्वारा वहन किया जायेगा।
इस पद पर चयनित व्यक्ति को किसी प्रकार का मानदेय देय नहीं होगा, यह सेवा पूर्णतया निःशुल्क है। जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन के बीच सिविल डिफेंस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा, महामारी, एक्सीडेंट, आगजनी, परिवहन सेवा आदि से सम्बन्धित किसी प्रकार की समस्या होने पर सिविल डिफेंस के लोग अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन साथ रहकर सहयोग प्रदान करता है, यह संगठन बड़े शहरों/नगरों में था, किन्तु छोटे जनपद में लागू नहीं किया गया है, नागरिक सुरक्षा संगठन की देख-रेख के लिए अधिकारी, क्लर्क व अन्य कार्मिक नियुक्त होते हैं और इनके पास बहुत सामग्री होती है जैसे सायरन, स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए स्टैªक्चर आदि सुविधा उपलब्ध होता है, इनके पास अग्निशमन के भी सामग्री/उपाय होते हैं, इनका उद्देश्य होता है कि जीवन की रक्षा करना, सम्पति को सुरक्षित रखना, उत्पादन की निरन्तरता बनाये रखना और जनता की मनोबल को बढ़ाये रखना, इसके लिए नागरिक सुरक्षा अधिनियम-1968 के तहत भारत सरकार ने इस संगठन को मान्यता दी है, कि नागरिकों को युद्ध के दौरान हवाई हमले से बचाव की जानकारी देना, व आपदा जैसी स्थिति में सहायता प्रदान करना होता है, सफाई अभियान चलाना, महामारी की स्थिति में लोगों को बचाव के लिए जागरूकता फैलाना, प्रदूषण मुक्ति अभियान, वातावरण को संतुलन बनाये रखना, आगजनी में सहायता, रक्तदान शिविर आदि का आयोजना किया जाना कार्य प्रमुख होते हैं।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा, मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) सहदेव कुमार मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी सदर उत्कर्ष द्विवेदी, उप जिलाधिकारी घोरावल श्री राजेश सिंह, उप जिलाधिकारी ओबरा विवेक कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार, जिला विकास अधिकारी हेमन्त कुमार सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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