कांग्रेस के चुनाव का दो कार्यालय से हो रहा है संचालन कार्यकर्ता हो रहे गुमराह

सारंगपुर । प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गृह क्षेत्र राजगढ़ जिला माना जाता है लेकिन सारंगपुर विधानसभा सीट हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी की झोली में रही है मात्र तीन बार कांग्रेस विजय प्राप्त करने में सफल रही है और वह सफलता भी शायद कांग्रेस की न होकर प्रत्याशी की लोकप्रियता की मानी जाती है भले वह कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा हो लेकिन प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि का लाभ कांग्रेस को मिल गया था बीते 10 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी काबिज है और फिर भाजपा विकास के नाम पर जनता के बीच पहुंच रही है पिछले 10 वर्ष के भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक कुंवर जी कोठार द्वारा करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए गए हैं इसका लाभ वर्तमान उम्मीदवार गोतम टेटवाल को मिलता हुआ नजर आ रहा है, साथ ही भाजपा शासन की जनकल्याणकारी योजना की भी खूब क्षेत्र में चर्चा चल रही हे और उत्सुकता से भाजपा के सभी कार्यकर्ता एक जुट होकर अपने प्रत्याशी को जिताने में लगे हुए है वही कांग्रेस उम्मीदवार कहीं ना कहीं कमजोर नजर आ रही है इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ही आपसी सामंजस्य नहीं हो रहा है यह बात इसलिए सिद्ध हो रही है की नगर में हाल ही में नव निर्मित   ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय जो आशा भवन के नाम से पार्टी के लिए  बना हुआ है लेकिन अभी तक चुनाव के दौरान उस कार्यालय की ऐसी कोई तस्वीर  सामने नहीं आई जिसमे कार्यालय कार्यकर्ताओं से खचा खच भरा हो ऐसे में कांग्रेस पार्टी चुनाव में  कैसे परचम लहराती हैं यह कहना तो कठिन  है 17 तारीख  मतदान के बाद ही पता चलेगा कि कौन जीतेगा लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस पार्टी में ना तो समन्वय है और ना ही धरातल पर कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार के पति ने भी अपनी तरफ से आग में घी डालने का काम किया है कांग्रेस उम्मीदवार के पति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल की जिसमें लिखा कि पचोर का विधायक पचोर का विकास जबकि सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र है और पचोर सारंगपुर विधानसभा में आता है कांग्रेस प्रत्याशी के पति की पोस्ट के बाद सारंगपुर एवं आसपास के लोगों के साथ शायद छलावा हो रहा है कांग्रेस के कार्यकर्ता ही दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं कि अभी से उम्मीदवार भेदभाव की नीति अपना रहा है तो आगे चलकर क्या होगा इतना ही नहीं सारंगपुर में भी कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में भी भेदभाव उभर कर सामने आया है सारंगपुर में नवीन भवन होने के बावजूद भी कांग्रेस के दो कार्यालय चल रहे हैं लेकिन कार्यालय में ना तो कार्यकर्ता दिखते हैं न नेता सिर्फ जिनको जिम्मेदारी दी गई है वे ही दिन भर अपना टाइम पास करके चले जाते हैं ऐसे में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा पूरी तरह दाव पर लगी हुई है जन चर्चा यह भी है की कांग्रेस पार्टी की ओर से पर्यवेक्षक भी भेजे गए हैं लेकिन पर्यवेक्षक सिर्फ अभी तक फीडबैक लेने में लगे हुए हैं समाचार लिखे जाने तक किसी भी प्रकार का सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है कांग्रेस पार्टी के सहित अन्य काग्रेसी नेता लगातार कांग्रेस पार्टी को जीताने के लिए जी जान लगा रहे है लेकिन हकीकत कुछ और ही है विधानसभा क्षेत्र के गांव में आज भी स्थिति ज्यो त्यो बनी हुई है किसी भी तरह का सुधार होता नहीं दिख रहा है ऐसा लगता है कांग्रेस पार्टी में सब अपने-अपने घर के मालिक  हैं ऐसे में कांग्रेस की नैया पार लगना कहां तक मुमकिन है यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा की कार्यकर्ता नेताओ ने कितना काम किया अभी तो पोलिंग स्तर तक कार्यकर्ताओं के टोटे नजर आ रहे है।

सारंगपुर विधानसभा में वैसे तो 245 मतदान केंद्र है और हर केंद्र पर मतदान एजेंट होना अनिवार्य है लेकिन अभी तैयारी पूरी नहीं हुई है ऐसे में चुनाव पास में आ रहा है क्या प्रत्याशी ने कांग्रेस के पदाधिकारी को साइड लाइन कर दिया है या फिर स्वयं ही सारी जिम्मेदारी उठा रही है यह तो वही बता सकते हैं लेकिन जो जन चर्चा सामने आई है उसे पता चलता है कि वर्तमान में कांग्रेस की स्थिति है ठीक नही है।

पूर्व मुख्यमंत्री दे चुके हैं नसीहत

सारंगपुर विधानसभा चुनाव का फीडबैक लेने आए पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पचोर में पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी की अहम बैठक की और स्पष्ट निर्देश दिए की जो कार्यकर्ता पदाधिकारी काम नहीं करेगा वह घर बैठेगा हर नेता अपना पोलिंग जीत कर ही मेरे पास आए इस प्रकार की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब जमकर चल रही थी ऐसे में वे पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी असमंजस में है की राजा की बात रखें तो कैसे रखें स्थिति कुछ अलग ही चल रही है

एक ही भजन के सहारे चल रहा है प्रचार

सारंगपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी कला मालवीय के प्रचार वाहन पर एक ही भजन चल रहा है धीरे-धीरे गाड़ी हाको  मेरे राम गाड़ी वाला शायद राम के नाम के भरोसे ही कांग्रेस पार्टी मैदान में है वही बड़े स्तर पर हमेशा कांग्रेस पार्टी ने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश कर राम को काल्पनिक बताया गया था अब साफ तोर पर हिंदुत्व की राह पर कांग्रेस चलती दिखाई दे रही है ऐसे में कांग्रेस का चेहरा सभी के सामने आ चुका है।
कला महेश मालवीय की डुबती नैया संबंधित बातचीत का विडियो हुआ वायरल हाल ही मे काग्रेस प्रत्याशी कला मालवीय के पति महेश मालवीय ने किसी से चुनाव संबंधित चर्चा करते हुए कला मालवीय को डुबती नैया को सहयोग करने की बातचीत का विडियो सोषल मीडिया पर वायरल हो गया जो जनचर्चा का विषय बना हुआ है। 

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