रिपोर्ट- मोनीश ज़ीशान
न्यूज़लाइन नेटवर्क :
वैशाली (20 जुलाई)। मुसलमान समाज के लोगों का जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी के साथ तेजी से जुड़ते देख राजद ने उन पर विश्वास करना छोड़ दिया है। बिहार विधान परिषद में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को राजद ने नेता विरोधी दल बनाकर इसे साबित कर दिया है। उक्त टिप्पणी आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के जिला मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी डॉ.विनय पासवान ने की है। उन्होंने कहा है कि फिर से यह साबित हो गया है कि मुसलमान राजद का केवल वोट बैंक है और सभी शीर्ष पदों पर लालू प्रसाद यादव के परिवार के अलावा किसी की गुंजाइश नहीं है। राजद सुप्रीमो ने यह भी प्रमाणित कर दिया है कि कहने के लिए एम वाई समीकरण है लेकिन केवल लालू परिवार ही महत्वपूर्ण पदों पर बैठेंगे मुसलमान नहीं। इस मनोनयन ने फिर से यह प्रमाणित कर दिया है कि राजद में एम वाई समीकरण ध्वस्त हो गया है। ज्ञात हो कि बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल के पद पर पुत्र तेजस्वी यादव विराजमान हैं और आज़ विधान परिषद में नेता विरोधी दल के रूप में माता राबड़ी देवी विराजमान हो गई है। यह भी स्मरण रहे कि राजद के वरिष्ठ नेता और जन नायक कर्पूरी ठाकुर के सहयोगी रहे जनाब अब्दुल बारी सिद्दीकी साहब विधान परिषद में राजद के सदस्य के रूप में मौजूद हैं जिन्हें जबरदस्त अनदेखी की गई है। राजद के इस फैसले ने उनका सामाजिक न्याय और ए टू जेड की पार्टी होने की दलील को मिथ्या प्रमाणित कर दिया है और परिवार की पार्टी होने का पुख्ता सबूत दे दिया है।