डालमिया प्रकरण मै सौदा कैंसल कर पैसा वापस करना पड़ा तो मारे जायेंगे कच्ची पर्ची पर खरीद करने वाले

प्रॉपर्टी लाइन मैं कच्ची पर्ची के व्यापार पर पड़ेगा मथुरा मैं असर

गोपाल चतुर्वेदी मंडल ब्यूरो चीफ मथुरा

मथुरा के डालमिया फार्म हाउस में काटी गई अवैध कालोनी तपोवन में प्लाट खरीदने वाले ऐसे संकट में फंस गए हैं जिसमें से निकलना बहुत मुश्किल है। प्लॉट खरीदने वालों के दबाव बनाने पर बिल्डर ने यह कहना तो शुरू कर दिया है कि वह सबका पैसा लौटा देगा पर उनका क्या जिन्होंने रीसेल में प्लाट खरीदा है। बिल्डर तो सबसे प्रथम यानी मूल प्लाट खरीद दार को दिए गए पुराने रेट की दर पर ही पैसा लौटाने की बात कर रहा है। उधर लोगों ने मुनाफा कमार प्लॉट आगे बेच डाले हैं।

डालमिया बगीचे में प्लॉट खरीदने वालों की नींद उड़ गई है। दरअसल डालमिया फार्म हाउस में यह कालोनी काटी गई। बिल्डरों का खेल ठीक चल रहा था पर जैसे ही उन्होंने यहां 454 हरे पेड़ों पर आरा चलाया, पूरी कहानी उलट गई। अब मुकदमों और जांचों का ऐसा दौर शुरू हो गया है कि आफत खड़ी हो गई है। उधर, जब यह कालोनी काटी गई थी तो यहां कच्ची पर्ची पर बुकिंग हुई। हाथों हाथ प्लाट बुक हो गए। मसलन, पचास हजार रुपए प्रति गज के रेट पर किसी के प्लॉट की पहली बुकिंग हुई। पहले आवंटी को मुनाफा मिला तो उसने अपना प्लॉट अस्सी हजार या इससे ज्यादा रुपये के रेट पर दूसरे को बेच दिया। वही कच्ची पर्ची आगे बढ़ा दी गई क्योंकि यहां रजिस्ट्री तो है नहीं।

इसी तरह काफी प्लाट कई कई बार बेचे गए और रेट एक लाख के पार चला गया। अब मामला फंसने पर बुकिंग कराने वालों ने बिल्डर पर पैसा लौटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। बिल्डर ने भी गर्दन फंसती देख रकम वापस लौटाने पर सहमति जता दी पर साथ ही यह भी कह दिया कि वह तो प्रथम आवंटी को जिस दाम पर उसने प्लाॅट दिया है उसी दर का पैसा वापस करेगा। रीसेल वेल्यू वह नहीं देगा क्योंकि उसके पास तो पहली पर्ची का ही रिकार्ड है। बाद में किसने क्या कमाया, किस दर पर आगे प्लाट बेचा उसे कोई मतलब नहीं। ऐसे में वे लोग बुरी तरह फंस गए हैं जिन्होंने रीसेल में प्लॉट खरीदे हैं। ऐसे काफी लोग हैं जो इस समय परेशान हैं। यदि ऐसा हुआ और पैसा वापस भी मिला तो इन सभी को तगड़ा नुकसान होना तय है।

पर तिकड़म बाज बिल्डर अभी हार मानने वाला नही है उसको अपने राजनैतिक आकाओं पर पूरा भरोसा है कि वह उसे इस दलदल से बाहर निकाल ही लेंगे इस बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि रातों रात भाजपा प्रवक्ता के पद पर ख्याति प्राप्त एडवोकेट को तैयार कर एनजीटी मै पैरोकारी के लिए खड़ा कर दिया गया।

वही तिकड़म बाज लोग कोई ना कोई जुगाड कर इस सारे मामले को भी ठंडे बस्ते में डलवा देंगे और जब तक मामला शांत नहीं हो जाता तब तक सबको चुप रह कर इंतजार करना पड़ेगा

Leave a Reply

error: Content is protected !!