महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे करीब आ रही हैं, राज्य का राजनीतिक माहौल भी गर्माता जा रहा है। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गए हैं। इसी बीच, सी-वोटर का एक सर्वे सामने आया है, जो महायुती सरकार के लिए चिंता का कारण बन सकता है। इस सर्वे के अनुसार, राज्य में जनता का झुकाव किस ओर है और कौन-सी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर माना जा रहा है? आइए, इन आंकड़ों पर गहराई से नज़र डालते हैं।
सर्वे में नाराजगी का संकेत: सरकार के प्रति जनता की सोच
सी-वोटर के इस सर्वे में एक बेहद अहम सवाल पूछा गया था कि क्या लोग मौजूदा बीजेपी-शिंदे सरकार से संतुष्ट हैं या फिर बदलाव चाहते हैं। इसके जवाब में, 51.3% लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस सरकार से असंतुष्ट हैं और बदलाव की इच्छा रखते हैं। यह संकेत है कि राज्य में मौजूदा सरकार के खिलाफ एक बड़ा जनसमूह नाराज है। वहीं, 3.7% लोगों ने कहा कि वे सरकार से नाराज हैं लेकिन इसे बदलना नहीं चाहते। इस प्रकार, कुल मिलाकर 55% लोग मौजूदा सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट हैं। इसके विपरीत, 41% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने मौजूदा सरकार को समर्थन देने की इच्छा जताई है, यानी वे फिर से बीजेपी-शिंदे सरकार को देखना चाहते हैं। 4% लोगों ने इस मुद्दे पर कोई राय नहीं दी। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार के खिलाफ असंतोष एक गंभीर मुद्दा बन सकता है।
मुख्यमंत्री पद के लिए महाराष्ट्र की पसंद
सर्वे में मुख्यमंत्री पद के लिए महाराष्ट्र के लोगों की पसंद को लेकर भी सवाल किए गए। सर्वे के अनुसार, 27.6% लोगों ने मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना पसंदीदा नेता माना है। इसके बाद उद्धव ठाकरे को 22.9% लोगों ने सीएम पद के लिए अपनी पसंद बताया, जिससे वे दूसरे स्थान पर रहे। यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है, क्योंकि उद्धव ठाकरे का समर्थन भी मजबूत दिखता है। वहीं, 10.8% लोगों ने देवेंद्र फडणवीस को अपनी पसंद बताया, जो कि बीजेपी का प्रमुख चेहरा हैं। शरद पवार, जो एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं, को 5.9% लोगों ने अपनी पसंदीदा नेता के रूप में चुना, जबकि 3.1% ने अजित पवार का समर्थन किया। इस सर्वे से यह साफ होता है कि भले ही एकनाथ शिंदे सबसे आगे हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे और फडणवीस जैसे दिग्गज नेता भी जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।
मौजूदा सरकार का प्रदर्शन: कैसा है जनता का नजरिया?
जब जनता से मौजूदा बीजेपी-शिवसेना सरकार के प्रदर्शन पर उनकी राय ली गई, तो 52.5% लोगों ने इसे अच्छा बताया। इन आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि सरकार के कुछ कार्यों को जनता से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हालांकि, 21.5% लोगों ने सरकार के प्रदर्शन को औसत करार दिया और 23.2% लोगों ने इसे खराब बताया। यह संकेत है कि जनता का एक बड़ा हिस्सा सरकार के प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और उसमें सुधार की गुंजाइश देखता है।
चुनाव में प्रभावी मुद्दे: कौन से फैक्टर होंगे निर्णायक?
सी-वोटर के इस सर्वे में यह भी जानने की कोशिश की गई कि चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सबसे अहम मुद्दे के रूप में 23% लोगों ने मराठा आरक्षण को गिना, जो राज्य में एक संवेदनशील विषय है। इसके अलावा, 12.2% लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन को चुनाव में अहम कारक बताया। 9.8% लोगों ने स्लम पुनर्विकास को एक बड़ा मुद्दा माना, जो कि राज्य की शहरी समस्याओं से जुड़ा है।
इसके अतिरिक्त, सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर भी लोगों ने चिंता जताई; 8.2% लोगों ने इसे चुनाव में एक महत्वपूर्ण कारक माना। 7% लोगों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को एक अहम फैक्टर बताया। राज्य की आर्थिक स्थिति भी एक प्रभावशाली मुद्दा है, जिसे 6% लोगों ने महत्वपूर्ण करार दिया, जबकि एनसीपी में अंदरूनी विभाजन को 2.5% लोगों ने चुनाव पर असर डालने वाला माना।
इस सर्वे से यह साफ होता है कि महाराष्ट्र के आगामी चुनावों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के सामने चुनौतियाँ कम नहीं हैं। जहां एक ओर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं की जनता के बीच मजबूत स्थिति है, वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे का समर्थन भी उन्हें मजबूत विपक्षी नेता बनाता है।