तेलंगाना में कच्चे अंडों से बने मेयोनीज पर बैन! जानिए हैदराबाद की दिल दहला देने वाली घटना के पीछे का कारण

तेलंगाना सरकार ने राज्य में खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कच्चे अंडों से तैयार किए गए मेयोनीज के उत्पादन, भंडारण, और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 30 नवंबर 2025 तक लागू रहेगा। इस निर्णय का कारण राज्य में खाद्य विषाक्तता (फूड प्वाइजनिंग) के कई हालिया मामले हैं, जिनमें मुख्य रूप से कच्चे अंडों से बने मेयोनीज का सेवन करने से लोगों में पेट की बीमारियों और विषाक्तता के लक्षण पाए गए हैं। सरकार का मानना है कि कच्चे अंडों में उपस्थित बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

यह फैसला हैदराबाद के बंजारा हिल्स क्षेत्र की एक घटना के बाद लिया गया, जहां नंदी नगर में एक लोकप्रिय ठेले पर मोमोज खाने के बाद एक महिला की मृत्यु हो गई, और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। इसके बाद तुरंत ही, ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हैदराबाद में मोमोज बेचने वाले सभी ठेलों और खाने-पीने के अन्य ठिकानों पर व्यापक निरीक्षण अभियान शुरू कर दिया है। इस घटना ने राज्य सरकार को कच्चे अंडों से बने खाद्य पदार्थों पर खास ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है।

मेयोनीज पर प्रतिबंध का कारण और इसके संभावित स्वास्थ्य जोखिम

कच्चे अंडों से बना मेयोनीज एक मलाईदार सॉस होता है जो आमतौर पर सैंडविच, सलाद, शवरमा और स्नैक्स में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे अंडे की जर्दी और तेल के मिश्रण से बनाया जाता है, जिसमें किसी प्रकार की थर्मल प्रोसेसिंग नहीं होती है। इसलिए इसमें पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों का सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बिना पका अंडा साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया का वाहक होता है, जो गंभीर फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकता है।

2023 में, केरल ने देश का पहला राज्य बनकर कच्चे अंडों से बने मेयोनीज पर इसी कारण प्रतिबंध लगा दिया था। जांच में पाया गया था कि कच्चे अंडों से बनी चीजें माइक्रोबियल संदूषण के कारण अत्यधिक स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करती हैं। तेलंगाना सरकार ने भी अब इसी तरह की खाद्य सुरक्षा नीति अपनाते हुए उपभोक्ताओं को सुरक्षित भोजन का आश्वासन दिया है।

हैदराबाद फूड प्वाइजनिंग की घटना: महिला की मौत और व्यापक बीमारियाँ

हैदराबाद में हुए हालिया मामले ने इस प्रतिबंध को आवश्यक बना दिया। बंजारा हिल्स के नंदी नगर क्षेत्र में एक लोकप्रिय ठेली से मोमोज खाने के बाद एक महिला की मृत्यु हो गई, जबकि लगभग 20 अन्य लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। घटना के तुरंत बाद, पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि इन मामलों में फूड प्वाइजनिंग के कारण पेट की बीमारियाँ और अन्य लक्षण विकसित हो गए थे। इस घटना के बाद, तेलंगाना में फूड सेफ्टी अधिकारियों ने व्यापक जांच अभियान शुरू किया, जिसमें विशेष रूप से ठेलों और सड़क किनारे भोजन विक्रेताओं को ध्यान में रखा गया है।

तेलंगाना में मेयोनीज पर प्रतिबंध की अवधि और समीक्षा

कच्चे अंडों से बने मेयोनीज पर लगाए गए इस एक साल के प्रतिबंध को 30 नवंबर 2025 को समीक्षा के बाद फिर से विचार किया जाएगा। इस अवधि में सरकार और खाद्य सुरक्षा अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या यह प्रतिबंध सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है और क्या भविष्य में इसे जारी रखना आवश्यक है।

सरकार का मानना है कि यह प्रतिबंध उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम है, और समीक्षा में इसके प्रभाव का आकलन किया जाएगा। यदि भविष्य में भी इस प्रतिबंध के कारण किसी प्रकार का स्वास्थ्य खतरा बना रहता है, तो प्रतिबंध को स्थायी करने पर भी विचार किया जा सकता है।

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