भगवान श्रीराम का चरित्र अद्वितीय – हिमान्शु महाराज
न्यूजलाइन नेटवर्क , कवर्धा ब्यूरो
पण्डरिया : अखिल भारतीय श्री रामचरित मानस सम्मेलन पण्डरिया के चौथे वर्ष के सम्मेलन मे पधारे लोरमी के कथावाचक डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने भगवान के अवतरण का उद्देश्य संसार मे धर्म की स्थापना तथा भक्तो का कल्याण करना प्रमुख बतलाया।उन्होने कहा कि वे स्वयं भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण हेतु सन् 1990मे कारसेवक के रूप मे अयोध्याधाम गए थे। लोरमी से उनके साथ स्वर्गीय पंडित मनहरणलाल पाण्डेय, पंडित सुरेशचन्द्र तिवारी व अन्य भक्त भी कारसेवक के रूप मे अयोध्याधाम गए थे।
तब उनकी गिरफ्तारी स्वामी रामभद्राचार्य, राजमाता विजयाराजे सिन्धिया, उमाभारती व अन्य हजारो कारसेवको के साथ चित्रकुट मे हुई। उन्हे नरैनी के अस्थाई जेल मे रखा गया।
उस समय की निर्दयी मुलायम सरकार ने अनेक कारसेवको पर गोलीचालन कर अयोध्याधा की पावन माटी को व सरयु माता के दिव्य जल को रक्त रंजित किया था।
इन पांच सौ वर्षो की यात्रा मे लगभग सवा तीन लाख से भी अधिक श्रीराम भक्तो के बलिदान के पश्चात अयोध्याधाम मे प्रभु श्रीराम के जन्मभूमि परिसर मे भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण व प्राण प्रतिष्ठा सनातन धर्म सहित पूरे विश्व के लिए एक अविस्मरणीय, ऐतिहासिक व आनंददायी पर्व है।इस दिव्यातिदिव्य व भव्यातिभव्य राष्ट्रीय महोत्सव मे हम सभी अपने घरो, मंदिरो चौक चौराहो मे रोशनी व दीप प्रज्ज्वलित कर प्रभु श्रीराम का महोत्सव कार्यक्रम मनाए।
डाक्टर तिवारी ने कहा कि भगवान के अवतरण से धर्म अर्थ काम और मोक्ष की सहज प्राप्ति हो जाती है। संसार मे भगवान का नाम व काम दो महत्वपूर्ण विषय है। इन दोनो मे लगे रहने से मनुष्य जैसे दुर्लभ योनि मे जन्म लेने का फल प्राप्त हो जाएगा। उक्त अवसर पर कथावाचक पंडित पुरूषोत्तम तिवारी पंडित राजेन्द्र शर्मा पंडित संतोष मिश्रा पंडित शंकर लाल मिश्रा पंडित योगेश कृष्ण व पंडित खेमेश्वर पुरी गोस्वामी सहित सैकड़ो श्रद्धालु नर नारी मानस सम्मेलन मे उपस्थित थे।