आखिर कब तक ”दूध का जला छाँछ भी फूंक फूंककर ”पियेंगे, छाननी का इस्तेमाल नहीं होगा क्या? सरकार

आखिर कब तक ”दूध का जला छाँछ भी फूंक फूंककर ”पियेंगे, छाननी का इस्तेमाल नहीं होगा क्या? सरकार


रिपोर्टर : सुन्नम सीताराम (सिद्दू)


न्यूजलाइन नेटवर्क , बस्तर ब्यूरो

बीजापुर/ सुकमा : सुकमा बीजापुर के सरहदी इलाका ग्राम पंचायत मूड़तामल्ला ग्राम चंदा में बीएसएफ, बस्तर फाइटर तथा 208 वाहिनी कोबरा संयुक्त पार्टी ऑपरेशन के लिए निकली हुई थी। सुबह 7 बजे जवान एवं नक्सली मुठभेड़ में जवानों ने जमकर हमला बोला जिसमें एक वर्दीधारी नक्सली मुठभेड़ में ढेर करने में जवान सफलता प्राप्त की। मुठभेड़ में मारा गया नक्सली उर्फ मंगड़ा है। मुठभेड़ जारी होने के कुछ ही घंटों पश्चात एसपी किरण चव्हाण ने एक वर्दीधारी नक्सली मारे जाने की पुष्टि की थी। बीजापुर जिला के तहसील उसूर थाना पामेड़ के ग्राम चंदा में पोडिया गोंदी पहाड़ी इलाके में सुकमा के सरहदी क्षेत्र में मुठभेड़ हुई। कुछ दिन पहले पेसेलपाड़ के एक निर्दोष ग्रामीण दिरदो हिडमा हत्या की घटना ग्राम से महज 20-25 किमी बताया जाता है।

  • बीएसएफ, बस्तर फाइटर तथा 208 वाहिनी कोबरा के ऊपर ग्रामीणों का आरोप
    बीजापुर जिले ग्राम चंदा के ग्रामीण बीएसएफ,बस्तर फाइटर तथा 208 वाहिनी कोबरा संयुक्त ऑपरेशन को आरोप लगाते हुए कहा। ग्राम चंदा में मीटिंग के नाम पर ग्रामीण को संकलन होने कहा और उपस्थित ग्रामीणों में से चुन-चुनकर 6 निर्दोष ग्रामीण को गिराफ्तर कर थाना लाया गया है। निर्दोष ग्रामीणों का नाम मुचाकी रूसा/देवे, मुचाकी आयता/ आयतें, मुचाकी गंगा/ हुर्रे, कलमू आयता/ पोज्जे, कवासी आयता/ बुधरी, किकड़ी देवा/ देवे जिसमे मुचाकी परिवार के तीन ग्रामीण एक ही परिवार के भाई भाई रहे। मुचाकी परिवार के महिला मुचाकी देवे का कहना है कि तीनों सदस्य उनके आय का प्रमुख स्रोत रहे हैं। ग्राम चंदा के ग्रामीणों ने निर्दोष ग्रामीणों को गिरफ्तार करने से रोक लगाने से ग्रामीण महिलाओं पर जवानों द्वारा लाठियों से मार पीट करने की आरोप लगाया। उन्हें किसी तरह अगर जेल होती है तो देवे के जिदंगी में परेशानियों का कलेश पहुंचेगी। जिसका जिम्मेवार बीएसएफ, बस्तर फाइटर तथा 208 वाहिनी कोबरा के जवान है। आखिर आदिवासी क्यों बेबुनियाद जवानों पर ग्रामीण आरोप लगाने को तुले हैं। दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।

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