कवि विजय कुमार कोसले की एक मधूर, रोचक और दिलचस्प प्रेम प्रसंग कविता। जरूर पढ़े कविता शीर्षक ऐसा प्यार कहां।
शीर्षक – ऐसा प्यार कहां
~ईश्वर ने इस जहां में बनाई
एक ऐसी जोड़ी,
जितनी भी तारीफ करो सच में
हो जायेगी थोड़ी।
~ मा. क्लास के लड़की लड़के के दिल में
प्यार ऐसा जगा,
मानो राम सिया की प्रेम की आग
दोनों की दिल में लगा।
~समय ने फिर उन दोनों को जुदा कर
कई सालों तक दूर किया,
न देख सके एक दुजे का चेहरा
ऐसा भी मजबूर किया।
~ लड़की पढ़ लिख कर खूब
शिक्षित हो गये,
और लड़के का शिक्षा स्तर बस
उतने में ही रह गये।
~लेकिन उन दोनों का प्यार रहा
हर दुःख में बरकरार,
फिर दस साल के बाद आया दोनों की
जीवन में खुशियों की बहार।
~लड़की को प्राईवेट जाब मिल गई
एक अच्छी शहर में,
तब जाके एक अच्छी राह आई
उनकी नजर में।
~फिर लड़का भी उसी शहर में
जाकर करने लगा काम,
और बातें कर कर उन दोनों के
गुजरते थे शाम।
~फिर कुछ सालों बाद उन दोनों की
धुमधाम से हो गई शादी,
और खुशी से झूमते बरात गई
गांव की पुरी आबादी।
~फिर दोनों पति-पत्नी बन प्यार से
नव जीवन किए शुरुआत,
कभी छुपाते नहीं दोनों एक दूसरे से
कोई भी मन की बात।
लेखक/कवि/गीतकार,
विजय कुमार कोसले,
नाचनपाली,लेन्ध्रा छोटे
सारंगढ़, छत्तीसगढ़।
मो.6267875476