राममुरारी शुक्ला, न्यूजलाइन नेटवर्क, फर्रुखाबाद
विधानसभा अमृतपुर को कागजों में स्मार्ट विलेज का दर्जा भी मिल चुका है लेकिन जमीनी हकीकत में चारों ओर पानी ही पानी भरा हुआ है।मुख्य मार्ग जलमग्न है।सड़के टूटी पड़ी हुई है।सड़कों पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।विकास के लिए विधानसभा अमृतपुर तरस है।उच्च अधिकारियों द्वारा कागजों पर कस्बा अमृतपुर को स्मार्ट विलेज का दर्जा भी दिया गया था।पूर्व प्रधान को राम मनोहर लोहिया पुरस्कार भी दिया जा चुका है।जमीनी हकीकत कभी भी अधिकारियों ने नहीं परखी।जिसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।ग्रामीण पानी में घुसकर व टूटी सड़कों पर ही निकलने को मजबूर है।उच्च अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं।जनपद फर्रुखाबाद के कस्बा अमृतपुर में मुख्य सड़क पर पानी भरा हुआ है। जिसके कारण ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो रहा है।अमृतपुर विधानसभा होते हुए भी सुविधाओं के लिए तरस रहा है।अमृतपुर में कोई भी रोडवेज बस स्टैंड नहीं है।न ही एटीएम मशीन की कोई अच्छी सुविधा है। जनप्रतिनिधि भी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे है।चुनाव आते ही यहां की जनता को विकास के कई सपने दिखाते हैं। अमृतपुर में बच्चों के लिए खेलने का कोई भी मैदान नहीं है। यहां बैंकों में भी ग्रामीणों को कई घंटे लाइन में लगना पड़ता है।मुख्य सड़क पर ही सरकारी देसी व अंग्रेजी शराब तथा बियर का ठेका है तथा ठीक उसके सामने विद्यालय बना हुआ है।विद्यालय के चारों ओर शराब की बोतल पड़ी हुई है।जिनका बच्चों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। एक तरफ सरकार युवाओं को नए-नए रोजगार देने के उपाय बता रही है तथा लगातार शिक्षा पर जोर देने के लिए प्रयास कर रही है।वहीं दूसरी तरफ विद्यालय के समीप शराब का ठेका है लेकिन उसे पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। कुछ समाजसेवियों नें बताया है कि विद्यालय के समीप शराब का ठेका होने के कारण बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।कुछ समाजसेवियों ने बताया है कि शाम को इस रास्ते से निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि शाम को सभी शराबी लाइन में लगकर शराब खरीदते हैं तथा वहीं पर खड़े होकर पीते है तथा आपस में लड़ाई झगड़ा व गाली गलौज करते हैं। इसके कारण बहू बेटियों का निकलना मुश्किल हो जाता है।पुलिस प्रशासन भी मौके पर नहीं आता है।सड़क पर भर रहे पानी के संबंध में ग्राम प्रधान सचिन देव तिवारी ने बताया है उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया है।इसके बाद केवल एक बार जाँच हुई लेकिन उसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयीं। अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है।जिसके कारण आवागमन को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही है।जब सफाई के संबंध में ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया है कि सफाई कर्मचारी को लेकर उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में लिखित प्रार्थना पत्र दिया है।