1 जुलाई को मनाया जाने वाला चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस, 1949 में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) की स्थापना का प्रतीक है। ICAI भारत का राष्ट्रीय पेशेवर लेखा निकाय है, और इसका गठन संसद के एक अधिनियम, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अधिनियम, 1949 के तहत किया गया था। यहाँ चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है:
स्वतंत्रता-पूर्व युग
1913: कंपनी अधिनियम लागू किया गया, जिसके तहत कंपनियों को उचित खाता बही रखने और उन्हें सत्यापित करने के लिए एक लेखा परीक्षक नियुक्त करने की आवश्यकता थी। इससे प्रशिक्षित लेखाकारों की आवश्यकता पैदा हुई।
1930 का दशक: लेखा और लेखा परीक्षा से संबंधित मुद्दों पर गवर्नर-जनरल को सलाह देने के लिए भारतीय लेखा बोर्ड की स्थापना की गई।
ICAI का गठन
1948: डॉ. जॉन मैथाई की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने भारत में लेखा पेशे को विनियमित करने के लिए एक स्वायत्त पेशेवर निकाय की स्थापना की सिफारिश की।
1949: भारतीय संविधान सभा द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अधिनियम पारित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 1 जुलाई, 1949 को ICAI का गठन हुआ। तब से इस दिन को चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वतंत्रता के बाद के घटनाक्रम
1956: कंपनी अधिनियम, 1956 ने कॉर्पोरेट प्रशासन में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका को और मजबूत किया।
2000 का दशक: ICAI ने विभिन्न लेखांकन मानकों और प्रथाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उन्हें वैश्विक मानकों के साथ संरेखित किया है।
उत्सव और मान्यताएँ
वार्षिक उत्सव: हर साल 1 जुलाई को, ICAI और इसकी क्षेत्रीय शाखाओं द्वारा पेशे और अर्थव्यवस्था में इसके योगदान का जश्न मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
पुरस्कार और मान्यता: उत्कृष्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को अक्सर पेशे और समाज में उनके योगदान के लिए मान्यता दी जाती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट दिवस व्यवसायों और अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्वास्थ्य और अखंडता को बनाए रखने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। यह लेखांकन और लेखापरीक्षा के क्षेत्र में नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को मान्यता देने का भी दिन है।