उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कबीरधाम में प्रस्तावित मेडिकल कालेज के स्थल और भवन निर्माण के ड्राइंग-डिजाइन का किया अवलोकन

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कबीरधाम में प्रस्तावित मेडिकल कालेज के स्थल और भवन निर्माण के ड्राइंग-डिजाइन का किया अवलोकन

न्यूजलाइन नेटवर्क स्टेट ब्यूरो

कवर्धा : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने कबीरधाम प्रवास के दौरान ग्राम घोठिया में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल एवं मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए तैयार की गई ड्राइंग-डिजाईनिंग का अवलोकन किया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ड्राइंग-डिजाइनिंग का अवलोकन करते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए राज्य स्तर पर इसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस माह के अक्टूबर तक निविदा की प्रक्रिया पूरी होनी की संभवना है, इसके बाद मेडिकल कॉलेज के लिए भूमिपूजन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य के लिए आवश्यक सभी प्राक्रिया करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कबीरधाम जिले के ग्राम घोठिया में राज्य शासन द्वारा नवीन मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 40 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए आबंटित की गई है। कबीरधाम में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाने के लिए राज्य शासन द्वारा लागत राशि 306.23 करोड़ रूपए चिकित्सा महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की है।
निरीक्षण दौरान राज्य शासन के सीजीएमएससी के एमडी श्रीमती पदमनी भोई साहू के द्वारा मेडिकल कॉलेज के लिए तैयार की गई कॉलेज, प्रशासनिक भवन, छात्रावास सहित सभी नक्शा का अवलोकन कराया।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने निरीक्षण पश्चात प्रशासनिक अफसरों के साथ जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और मेडिकल कॉलेज के निर्माण एवं अगले शैक्षणिक सत्र से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के संबंध में बैठक ली।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए वर्तमान में जिला चिकित्सालय कबीरधाम में संचालित अस्पताल को अपग्रेड करने की कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में महाविद्यालय की न्यूनतम अहर्ताएं पूरी नहीं की जा सकती। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने विगत दिनों स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया था कि जिला चिकित्सालय कबीरधाम में उपलब्ध बिस्तरों के साथ-साथ समीपस्थ आयुष विभाग के भवन जिसे पूर्व में जिला चिकित्सालय द्वारा कोविड केयर सेन्टर के रूप में संचालित किया जा चुका है, को भी अतिरिक्त 100 बेड अस्पताल में अपग्रेड किया जा सकता है, ताकि चिकित्सा महाविद्यालय संचालन में न्यूनतम मानक की प्रतिपूर्ति हो सके।

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