लोकसभा में अपने हालिया भाषण में राहुल गांधी ने देश की मौजूदा स्थिति और सरकार की कार्रवाइयों पर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने मणिपुर संकट से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना की और इसे “भारत माता की रक्षा करने में विफलता” बताया तथा लोगों और राष्ट्र की अखंडता पर पड़ने वाले प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कॉरपोरेट हितों के प्रति सरकार के कथित पूर्वाग्रह की ओर भी इशारा किया और इसे “सूट-बूट की सरकार” करार दिया, जो किसानों और मजदूरों की तुलना में अमीरों को प्राथमिकता देती है। गांधी ने किसानों के लिए सरकार के अपर्याप्त समर्थन पर भी प्रकाश डाला और मौजूदा शासन के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि ऋण में कम वृद्धि की आलोचना की। उन्होंने इसकी तुलना UPA सरकार के कार्यकाल से की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि MSP और कृषि ऋण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने देश की नींव और विकास के लिए कृषि के महत्व पर जोर दिया और सरकार से राष्ट्रीय मजबूती और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद में दिए राहुल गांधी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सम्राट ने कहा कि सभी हिंदुओं को हिंसक और नफरती बता कर उन्होंने (राहुल ने) संपूर्ण हिंदू समाज का अपमान किया है। उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
चौधरी ने कहा कि सनातन और हिंदुओं को गाली देना, हिंदुओं को हिंसक, आतंकवादी बताना राहुल की पुरानी फितरत रही है। दरअसल राहुल गांधी मानसिक रूप से बीमार हैं। ऐसे मानसिक रोगियों का कोई उपचार नहीं है। वे पूरी तरह से बीमार हो गए हैं। जैसी बातें उन्होंने संसद में कही है, वह कोई मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही कहेगा।