नितिन गडकरी, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं, ने हाल ही में महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति पर चिंता व्यक्त की है। यह बयान उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर अपनी राय व्यक्त की।
प्रमुख बिंदु:
1. जातिवाद की राजनीति: गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति जोर पकड़ रही है, जो समाज के लिए हानिकारक है। जातिवाद के कारण सामाजिक विभाजन और असंतोष बढ़ता है, जिससे समाज की प्रगति में बाधा आती है।
2. विकास पर जोर: उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति का मुख्य उद्देश्य समाज और देश का विकास होना चाहिए, न कि जातिगत विभाजन को बढ़ावा देना। उन्होंने नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे जातिवाद की राजनीति छोड़कर विकास और समृद्धि के लिए काम करें।
3. सभी वर्गों का उत्थान: गडकरी ने कहा कि सभी समाजिक वर्गों का समान रूप से उत्थान होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यदि समाज के सभी वर्गों का विकास होगा, तो ही राज्य और देश प्रगति कर सकेंगे।
4. सकारात्मक राजनीति: गडकरी ने सकारात्मक राजनीति की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसमें सभी समुदायों को एकसाथ लेकर चलने की कोशिश की जाए। उन्होंने कहा कि विकास और प्रगति ही राजनीति का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए, न कि जातिगत आधार पर वोट बैंक की राजनीति।
गडकरी के इस बयान को महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और आने वाले चुनावों के संदर्भ में देखा जा सकता है, जहां विभिन्न पार्टियाँ जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश करती हैं। उनके इस बयान का उद्देश्य संभवतः समाज को जातिवाद की राजनीति से ऊपर उठने और विकास के मुद्दों पर केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना है।