प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और जियो के रिचार्ज प्लान में बढ़ोतरी के बाद लोग बीएसएनएल की ओर बढ़ने लगे हैं. इतना ही नहीं एयरटेल और जियो यूजर्स तेजी से BSNL में अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करा रहे हैं.
साथ ही इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रेंड्स चलाए जा रहे हैं. वहीं खबर यह भी है कि टाटा कंसल्टेसी सर्विस (TATA Consultancy Service) और बीएसएनएल के बीच 15 हजार करोड़ रुपये की डील हुई है.
टीसीएस और बीएसएनएल मिलकर भारत के 1000 गांव तक 4G इंटरनेट सर्विस को रोलआउट करेंगी, जिससे आने वाले दिनों में लोगों को फास्ट स्पीड इंटरनेट सर्विस मिलेगी
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के बीच हाल ही में हुए सौदे से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र, खासकर जियो और एयरटेल जैसे प्रतिस्पर्धियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाला है। लगभग ₹25,000 करोड़ मूल्य की इस साझेदारी में पूरे भारत में एक व्यापक 4G नेटवर्क की तैनाती शामिल है। यह पहल TCS द्वारा कोर उपकरण खरीद आदेश प्राप्त करने के 18 से 24 महीनों के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।
जियो-एयरटेल की बढ़ेगी टेंशन
मौजूदा समय की बात करें तो अभी 4जी इंटरनेट सर्विस में जियो और एयरटेल का दबदबा बना हुआ है, लेकिन अगर बीएसएनएल मजबूत हो गया तो ये जियो और एयरटेल की टेंशन बढ़ा सकता है.
टाटा भारत के करीब चार रीजन में डेटा सेंटर बना रहा है, जो कि भारत के 4G इंफ्रॉस्ट्राक्चर को बनाने में मदद करेगा. BSNL की ओर से देशभर में 9000 से ज्यादा 4G नेटवर्क को लगाया गया है, जिसे एक लाख करने का लक्ष्य है.
टाटा-BSNL सौदे के मुख्य विवरण
1. स्कोप और स्केल: TCS, अपनी सहायक कंपनी तेजस नेटवर्क्स के साथ मिलकर उपकरण निर्माण का प्रबंधन करेगी। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) भी इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है।
2. तैनाती और कवरेज: इस सौदे का उद्देश्य बीएसएनएल के नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है, जिससे पूरे भारत में दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस संभव हो सके। इस बड़े पैमाने पर तैनाती के 2025-2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
3. प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव: बीएसएनएल की बढ़ी हुई 4जी क्षमताएँ जियो और एयरटेल के बाज़ार प्रभुत्व को चुनौती दे सकती हैं, खास तौर पर कम सेवा वाले क्षेत्रों में। बेहतर नेटवर्क प्रतिस्पर्धी इंटरनेट स्पीड और कवरेज प्रदान कर सकता है, जिससे संभावित रूप से इन अग्रणी निजी दूरसंचार ऑपरेटरों के ग्राहक आकर्षित हो सकते हैं।
उपभोक्ताओं के लिए संभावित लाभ
बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा: बीएसएनएल द्वारा अपने 4जी नेटवर्क को बढ़ाने के साथ, उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा पेशकश और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण का लाभ मिल सकता है। – **बढ़ी हुई कनेक्टिविटी**: ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में, जहाँ पारंपरिक रूप से हाई-स्पीड इंटरनेट की सीमित पहुँच थी, वहाँ बेहतर कनेक्टिविटी देखने को मिलेगी, जिससे डिजिटल समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
चुनौतियाँ और विचार
कार्यान्वयन में देरी: इस परियोजना में देरी हुई है, खास तौर पर फील्ड ट्रायल के मामले में, जिसे समय-सीमा में पूरा करने के लिए संबोधित करने की आवश्यकता है।
बाजार की प्रतिक्रिया: जियो और एयरटेल इस बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा का कैसे जवाब देते हैं, यह महत्वपूर्ण होगा। वे अपनी सेवाओं को बढ़ा सकते हैं या बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए मूल्य निर्धारण रणनीतियों को समायोजित कर सकते हैं।
संक्षेप में, टाटा-बीएसएनएल सौदा भारतीय दूरसंचार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जो संभावित रूप से पूरे भारत में तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट पहुँच का विस्तार करके जियो और एयरटेल के गढ़ को बाधित कर सकता है।