उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी की आंतरिक कलह चर्चा का विषय बनी हुई है, सूत्रों की मानें तो बीजेपी जल्द ही यूपी में संगठन और कैबिनेट में भी बदलाव कर सकती है। इसी बीच अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि कुर्सी की लड़ाई में जनता बहुत परेशान है। एक महिला न्याय मांगने गई और उसने आत्महत्या कर ली, वहां की पुलिस, स्थानीय प्रशासन क्या कर रहा था? विधायक आरोप लगा रहे, मुख्यमंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि दलाली हो रही है।
अखिलेश यादव ने कहा “सरकार में यह कमजोर पड़े हैं इसलिए इन्होंने अपना ध्वस्तीकरण का फैसला टाला है, यह सिर्फ टाला है, हमेशा हमेशा के लिए खत्म नहीं हुआ है। शिक्षकों की जो ऑनलाइन अटेंडेंस थी वह स्थगित नहीं निरस्त हो। भाजपा के लोगों ने कुर्सी की लड़ाई में पूरा एडमिनिस्ट्रेशन खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि विजय बहादुर पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष, मैं इनको समाजवादी पार्टी में शामिल करके इनके साथी सहयोगी आए हैं, उनका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार प्रकट करना चाहता हूं।
इसके पहले अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-“भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है।”
बता दें कि बीजेपी की हाल में ही यूपी में कार्यसमिति की बैठक हुई थी, इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा मौजूद रहे थे। इस दौरान लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान पर पार्टी ने मंथन किया था। अब सूत्रों की मानें तो यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से भी करीब एक घंटे मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें जानकारी थी कि यूपी में कम वोट आ रहे हैं लेकिन इतने कम होंगे ये नहीं सोचा था।