“वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किए धमाकेदार ऐलान! जानिए कैसे MSMEs को मिलेगा जबरदस्त बूस्ट!”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देने के लिए की गई घोषणाओं का विवरण इस प्रकार है:

1. आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS): वित्त मंत्री ने इस योजना का विस्तार किया है ताकि MSMEs को आसानी से और रियायती दरों पर कर्ज मिल सके। इससे उन्हें अपने व्यवसाय को चलाने और विकास करने में मदद मिलेगी। यह योजना कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई थी और इसे आगे भी बढ़ाया गया है।

2. आधारभूत संरचना विकास: MSMEs के लिए आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत उद्यमियों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

3. क्लस्टर विकास कार्यक्रम: MSMEs के क्लस्टर (समूह) में विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने नए कार्यक्रमों की घोषणा की है। इससे एक ही उद्योग क्षेत्र में कई MSMEs को एक साथ लाने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

4. वित्तीय समर्थन:  MSMEs को कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज सब्सिडी दी जाती है। सरकार द्वारा गारंटी फंड की स्थापना की गई है जो ऋण की वसूली न होने पर बैंकों को सुरक्षा प्रदान करता है। MSMEs को निवेश प्रोत्साहन के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं।

5. निर्यात को बढ़ावा: वित्त मंत्री ने MSMEs को निर्यात के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत निर्यातकों को सब्सिडी, तकनीकी सहायता और बाजार तक पहुंच में मदद मिलेगी।

6. डिजिटल ट्रांजिशन: MSMEs को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत ई-कॉमर्स, डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।

7. कराधान में राहत: MSMEs को कराधान में राहत देने के लिए सरकार ने कई प्रावधान किए हैं। इससे उनके वित्तीय बोझ को कम करने और व्यवसाय को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

8. स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत MSMEs को स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है। इससे घरेलू उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

9. तकनीकी उन्नयन और नवाचार:

  MSMEs को आधुनिक तकनीकों और नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

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