“दुनिया का सबसे मनहूस हीरा: जानिए होप डायमंड की रहस्यमयी और त्रासदियों से भरी कहानी!”

दुनिया का सबसे मनहूस हीरा “होप डायमंड” (Hope Diamond) के नाम से जाना जाता है। इस हीरे के बारे में कहा जाता है कि जिसके पास भी यह हीरा गया, उसकी जिंदगी में दुर्भाग्य और मौत ने दस्तक दी। यह हीरा अपने अनोखे नीले रंग और रहस्यमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।

होप डायमंड का इतिहास:

1. प्रारंभिक इतिहास:

होप डायमंड की उत्पत्ति 17वीं सदी में भारत के कोल्लूर खदान से मानी जाती है। इसे फ्रांस के व्यापारी जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर ने खरीदा और इसे “तवर्नियर ब्लू” नाम दिया गया।

2. फ्रांस की रॉयल्टी:

  1668 में, फ्रांस के राजा लुई XIV ने इस हीरे को खरीदा और इसे “ब्लू डायमंड ऑफ़ द क्राउन” या “फ्रेंच ब्लू” नाम दिया। 1792 में फ्रांस की क्रांति के दौरान यह हीरा चोरी हो गया।

3. होप परिवार:

यह हीरा बाद में थॉमस होप के पास पहुंचा, जिसके नाम पर इसका नाम होप डायमंड पड़ा। होप परिवार में भी इस हीरे को दुर्भाग्य का कारण माना गया।

4. अन्य मालिकों का दुर्भाग्य:

  ईवलिन वॉल्श मैक्लीन: अमेरिकी सोशलाइट ईवलिन वॉल्श मैक्लीन ने 1911 में इस हीरे को खरीदा। उनके बेटे की कार दुर्घटना में मौत, बेटी की आत्महत्या और पति की मानसिक बीमारी के कारण उनकी जिंदगी में भी इस हीरे को दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया।

हेनरी फिलिप होप: इस हीरे के पूर्व मालिक हेनरी होप का परिवार भी आर्थिक तंगी और व्यक्तिगत त्रासदियों का सामना करता रहा।

5. स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम:

अंततः, हैरी विंस्टन नामक जौहरी ने 1958 में इस हीरे को अमेरिकी नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन) को दान कर दिया। तब से यह हीरा वहां प्रदर्शित है।

होप डायमंड के रहस्य और मान्यताएँ:

इस हीरे को लेकर कई कहानियां और मिथक प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस हीरे पर अभिशाप है और जिसने भी इसे धारण किया, उसे दुर्भाग्य और मौत का सामना करना पड़ा। होप डायमंड के साथ जुड़े दुर्भाग्य की घटनाओं ने इसे और भी रहस्यमयी और डरावना बना दिया है।

होप डायमंड से जुड़ी दुर्घटनाओं और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की कई कहानियाँ प्रचलित हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उदाहरण दिए जा रहे हैं:

प्रमुख दुर्घटनाएँ और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ:

1. जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर:

यह माना जाता है कि जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर, जिन्होंने सबसे पहले इस हीरे को खरीदा था, की मृत्यु कुत्तों द्वारा फाड़े जाने के कारण हुई थी। हालांकि, इस कहानी की प्रामाणिकता संदेहास्पद है।

2. फ्रांस के राजा लुई XVI और रानी मैरी एंटोनेट:

फ्रेंच ब्लू (होप डायमंड का पूर्व नाम) फ्रांस के राजा लुई XVI और रानी मैरी एंटोनेट के पास था। दोनों को फ्रांसीसी क्रांति के दौरान गिलोटिन द्वारा मार दिया गया था। यह कहा जाता है कि इस हीरे की वजह से उन्हें दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा।

3. हेनरी फिलिप होप:

हेनरी होप, जिन्होंने इस हीरे को खरीदा था, उनके परिवार को भी कई त्रासदियों का सामना करना पड़ा। उनका परिवार आर्थिक तंगी और कई व्यक्तिगत त्रासदियों से गुजरा।

4. लॉर्ड फ्रांसिस होप:

हेनरी होप के उत्तराधिकारी, लॉर्ड फ्रांसिस होप, को भी भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए इस हीरे को बेचना पड़ा।

5. सुल्तान अब्दुल-हमीद II:

तुर्की के सुल्तान अब्दुल-हमीद II ने इस हीरे को खरीदा था, लेकिन जल्द ही उन्हें उनके सिंहासन से बेदखल कर दिया गया और उनकी मृत्यु हो गई।

6. जाक कोलेट:

एक फ्रांसीसी जौहरी, जो इस हीरे को खरीदने के बाद लापता हो गया था और बाद में उसकी मृत्यु हो गई थी।

7. ईवलिन वॉल्श मैक्लीन:

अमेरिकी सोशलाइट ईवलिन वॉल्श मैक्लीन ने 1911 में इस हीरे को खरीदा। उनकी जिंदगी में इस हीरे के आने के बाद कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ घटीं: उनके बेटे की कार दुर्घटना में मृत्यु। उनकी बेटी की आत्महत्या। उनके पति की मानसिक बीमारी और बाद में मृत्यु।

8. स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के कर्मचारियों:

होप डायमंड को स्मिथसोनियन को भेजने के बाद, कुछ कर्मचारियों ने भी व्यक्तिगत समस्याओं का सामना किया।

प्रमुख तथ्य:

1. आकार और वजन:

होप डायमंड का वजन 45.52 कैरेट (9.10 ग्राम) है। इसका नीला रंग बोरॉन (boron) तत्व की उपस्थिति के कारण है।

2. उत्पत्ति:

होप डायमंड की उत्पत्ति भारत के गोलकुंडा क्षेत्र में स्थित कोल्लूर खदान में हुई थी। इसे सबसे पहले फ्रांसीसी व्यापारी जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर द्वारा 17वीं शताब्दी में खरीदा गया था।

3. प्रारंभिक नाम:

इसे पहले “तवर्नियर ब्लू” (Tavernier Blue) कहा जाता था। इसके बाद फ्रांस के राजा लुई XIV ने इसे “ब्लू डायमंड ऑफ़ द क्राउन” या “फ्रेंच ब्लू” नाम दिया।

4. चोरी और पुन: प्राप्ति:

फ्रांसीसी क्रांति के दौरान 1792 में यह हीरा चोरी हो गया। बाद में यह इंग्लैंड के हेनरी फिलिप होप के पास पहुंचा, जिनके नाम पर इसे “होप डायमंड” कहा जाने लगा।

5. रंग और चमक:

होप डायमंड का नीला रंग गहरा और आकर्षक है, जो इसे अन्य हीरों से अलग बनाता है। इसमें अद्वितीय चमक और शानदारता है, जो इसे अद्वितीय बनाता है।

6. मालिकों का दुर्भाग्य:

इस हीरे के मालिकों को अक्सर दुर्भाग्य और मौत का सामना करना पड़ा। इस वजह से इसे “अभिशप्त” माना जाता है। सबसे प्रसिद्ध मालिकों में ईवलिन वॉल्श मैक्लीन थीं, जिनकी जिंदगी में इस हीरे के आने के बाद कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ घटीं।

7. स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम:

1958 में, जौहरी हैरी विंस्टन ने इस हीरे को अमेरिकी स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन को दान कर दिया। यह हीरा वाशिंगटन, डी.सी. स्थित स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में प्रदर्शित है।

8. प्रसिद्धि:

होप डायमंड दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और बहुमूल्य हीरों में से एक है। इसके साथ जुड़े रहस्य और कहानियाँ इसे और भी खास बनाती हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

वैज्ञानिकों के अनुसार, होप डायमंड पर किसी भी प्रकार का अभिशाप नहीं है। यह केवल संयोग है कि इसके मालिकों को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा। इसके नीले रंग का कारण बोरॉन (boron) तत्व की उपस्थिति है, जो हीरे के क्रिस्टल संरचना में मौजूद होता है।

होप डायमंड का इतिहास और इससे जुड़ी कहानियाँ इसे एक अनोखा और रहस्यमयी हीरा बनाती हैं, जो आज भी दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!