राहुल पवार, जो ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में रहते हैं, ने बताया कि थोड़ी सी भी तेज बारिश होने पर इस इलाके में पानी घुटनों तक भर जाता है। शनिवार शाम की भारी बारिश में भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई। इस दौरान, पानी के तेज बहाव के कारण राव आईएएस स्टडी सर्कल का गेट ढह गया और पानी तेजी से इंस्टीट्यूट में घुसने लगा।
बचाव के लिए स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को कॉल किया। कॉल के कुछ मिनटों बाद तीन पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए। जब तक पुलिसकर्मी पहुंचे, तब तक पानी सिर से ऊपर तक जा चुका था। इन पुलिसकर्मियों ने बिना किसी परवाह के पानी में छलांग लगाई और बच्चों को बचाने में जुट गए।
तीनों पुलिसकर्मियों ने कई छात्रों की जान बचाई, हालांकि पानी गले से ऊपर तक था। उन्होंने बेसमेंट में फंसे बच्चों को एक-एक कर बाहर निकाला। इस बचाव कार्य के दौरान, एक पुलिसकर्मी को गहरी चोटें आईं, लेकिन उन्होंने बच्चों को बचाना जारी रखा। कुछ ही देर में, ये पुलिसकर्मी करीब तीन से चार बच्चों को बाहर निकाल चुके थे।
बढ़ते पानी और चोटों के बावजूद, पुलिसकर्मियों ने बचाव कार्य जारी रखा। इस बीच, दिल्ली पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं और सही मायने में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इस सात घंटे लंबे ऑपरेशन में करीब 12 से 13 बच्चों को बेसमेंट से बाहर निकाला गया। इसमें दो छात्राओं और एक छात्र की जान चली गई।
हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान श्रेया यादव, तान्या, और नवीन के रूप में हुई है। श्रेया अंबेडनगर से, तान्या तेलंगाना से, और नवीन अर्नाकुलम से थे। बाकी बचे बच्चों को तुरंत समीपवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया।