
सीएमएस का एक आदेश चिकित्सकों के लिए मुसीबत सबब बन गया। सोमवार को ओपीडी में सुबह से सैकड़ो मरीज पहुंचे थे।चिकित्सकों के कक्ष के बाहर लंबी लाइन लगी थी।गार्ड बमुश्किल लोगों को शांत कराने में लगे थे।तभी सीएमएस ने आदेश दिया कि एक कर्मचारी के साथ जाकर सभी गार्ड अस्पताल गेट पर लगी ठेलियों को हटवाए।जब सभी गार्ड चले गए तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ बेकाबू हो गई।चिकित्सकों के कक्ष में बेहतासा भीड़ घुस गई।जिससे चिकित्सकों को परेशानी झेलनी पड़ी।
जिला अस्पताल लोहिया की ओपीडी में सोमवार को 780 मरीजों ने पर्चे बनवाए।सुबह आठ बजे से ही मरीज पर्चा काउंटर पर पहुंच गए।वही सर्जन डॉ अमरनाथ, फिजिशियन डॉ प्रवीण कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज पांडे के पास भी मरीजों की भीड़ रही।लगभग 11 बजे सीएमएस ने अस्पताल के कर्मी विवेक राणा को निर्देश दिए कि अस्पताल के गार्डों को साथ ले जाएं।अपस्ताल गेट पर अवैध तरीके से लगी ठेलियों को हटवाए।जिसके बाद विवेक राणा अस्पताल के गार्डों को साथ लेकर चले गए।इधर ओपीडी में चिकित्सकों के कक्ष के बाहर भीड़ पहले से जुटी हुई।सुरक्षा गार्डों के जाने के बाद मरीजों की भीड़ बेकाबू हो गई।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज वर्मा के कक्ष में मरीजों का झुंड एक साथ घुस गया।जिससे कई मरीज गिरने से बाल बाल बचे। बमुश्किल स्टाफ ने कक्ष का गेट पर बंद व्यवस्था संभाली।इस दौरान कई मरीज आपस में भीड़ गए और हाथापाई भी हो गई।
वही टीबी एंड चेस्ट फिजिशियन डॉ ध्रुव राज के पास भी मरीजों की भीड़ थी।गार्डों के जाने के बाद भीड़ बेकाबू होकर कक्ष में घुस गई।जिससे चिकित्सक को मरीज देखने में दिक्कत होने लगी। डॉ ध्रुव राज ने खुद कुर्सी से उठकर मरीजों को समझाना शुरू किया।जब डॉक्टर ने मरीजों से विन्रमता से निवेदन कर कक्ष से बाहर जाने को कहा।तब मरीजों ने डॉ की बात मानी।जिसके बाद व्यवस्था सही हो गई। टीबी एंड चेस्ट फिजिशियन की सुझबुझ से मरीज शांत हो गए।
मौसम बदलते ही बाल रोग विशेषज्ञ के पास खासी, कफ से पीड़ित बच्चों की भरमार
जिले में पिछले दिनों में लगातार बारिश हुई,जिसके बाद तेज धूप और उमस हो गई।अचानक मौसम में परिवर्तन का असर देखने को मिला।जहां लोहिया अस्पताल की ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ के पास डायरिया से पीड़ित बच्चे आ रहे थे।अब खासी, जुखाम और कफ पीड़ित बच्चे आने लगे।सोमवार को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप दीक्षित के 65 बीमार बच्चे पहुंचे। जिसमें से 30 कफ और खासी पीड़ित बच्चे थे। डॉ अनूप ने बताया कि इस समय परिजनों को बच्चों को ठंडे तरफ पदार्थों को नहीं देना चाहिए।फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक और फ्रोजन आइसक्रीम से भी परहेज करना चाहिए।