तहसील में दलालों का जाल तोड़ने के लिए अधिवक्तागण प्रतिबद्ध
ब्यूरो चीफ मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ जिला मैनपुरी :
किशनी। बुधवार को तहसील के समस्त अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन तहसील किशनी के अध्यक्ष उपदेश कुमार शाक्य एडवोकेट की अध्यक्षता में काली पट्टी बांधकर एसडीएम गोपाल शर्मा को ज्ञापन दिया। सर्वप्रथम जैसे ही अधिवक्तागण एसडीएम को ज्ञापन देने गए तो एसडीएम ने अधिवक्ताओं को कुछ देर रुकने को कहा। इससे अधिवक्तागण आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद एसडीएम ने अधिवक्ताओं को अपने कार्यालय में बुलाया और उनसे ज्ञापन लिया। वक्ताओं की मांग में कहा गया है कि तहसील में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारियों को तत्काल रूप से हटाया जाए। तहसील परिसर न्यायालय तथा कार्यालय में दलालों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए। बिना वकालतनामा के कोई भी बाद दर्ज रजिस्टर न किया जाय। दायरा सेम डे नेट पर दर्ज किया जाए। उप निबंधक कार्यालय से प्राप्त छाया प्रति बैनामा की प्रति सेम डे नेट पर दर्ज कर तिथि निश्चित की जाए। छाया प्रति व दायरा के द्वारा दर्ज वादों को नियत तिथि पर आदेश किया जाए। पत्रावलियों में पारित आदेशों के अनुपालन फर्द खतौनी में एक सप्ताह के अंदर किया जाए। न्यायालयों की विवादित वाद पत्रावलियों के केस डायरी में प्रतिदिन दर्ज कर उनकी प्रतियां नोटिस बोर्ड पर चश्पा की जाए। आवंटित पत्रावली 57ख तथा 49च की प्रश्नोत्तरी रजिस्टर में दर्ज कर समय से उपलब्ध कराई जाए। न्यायालय में गुमशुदा पत्रावलियां एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराई जाएं। धारा 32/ 38 की पत्रावलियों में एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित हो। न्यायालय में बाद पत्रावलियों में मुआयना हेतु समुचित व्यवस्था की जाए। विवादित पत्रावलियों में कोर्ट न होने की स्थिति में सभी पत्रावलियों में एक ही तिथि नियत की जाए। पत्रावलियों में पारित आदेशों को मिसलबंद रजिस्टर में दर्ज किया जाए। अधिवक्ताओं का कहना है कि अनियमितताओं के कारण जहां क्षेत्र के किसानों और बाद कार्यों को भारी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है उस के साथ साथ न्यायालय के कार्य में भी बाधा उत्पन्न होती है। मांग करने वालों में रमाकांत दुबे, पुष्पेंद्र दुबे, दीपक यादव, उदयवीर यादव उदय प्रताप यादव कमलेश दुबे प्रदीप सक्सेना,सतपाल बाबू, कृष्ण प्रताप सिंह, जीतू मिश्रा आदि मौजूद थे।
एसडीएम गोपाल शर्मा का कहना है कि अधिवक्ताओं की अधिकांश मांगे पूर्ण है जो बाकी है उनके लिए अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर सुलझा लेंगे।