….कवि विजय कुमार कोसले ने जीवन में विद्यालय की महत्व बताते हुए बच्चे अवश्य पढ़ायें कहकर अभिभावकों को किया प्रेरित। अवश्य पढ़ें कविता शीर्षक “विद्यालय”।
।। विद्यालय ।।
विद्यालय है विद्या मंदिर
माने जगत तमाम,
गुरुजन देव बन शिक्षा देते
जहां पे आठों याम।
विद्यालय में पढ़कर बच्चे
बनते हैं निडर,
हौसलों के वो पंख लगाकर
छुते हैं अम्बर।
विद्यालय में शिक्षक नित
देते हैं कई ज्ञान,
मन में नव प्रकाश भर
मिटाते हैं अज्ञान।
विद्यालय की शिक्षा तो
नई आशाएं जगाते,
दिल में जोश उमंगें भर
विश्वास को बढ़ाते।
विद्यालय जाकर बनते युवा
इंजीनियर डॉक्टर,
शिक्षक सैनिक और कलेक्टर
कितने बैरिस्टर।
विद्यालय में शिक्षित होकर
हुए अनेंक विद्वान,
राष्ट्र को जीवन समर्पित कर
कई नेता बनें महान।
विद्यालय की शिक्षा से सब
अपनी मंजिल पाते,
सत्य धर्म की राहें चलकर
ऊंच मुकाम बनाते।
कवि/लेखक,
विजय कुमार कोसले
नाचनपाली, लेन्ध्रा छोटे
सारंगढ़, छत्तीसगढ़।
मो.- 6267875476