हमारी आकाश गंगा के दिल में वैज्ञानिको ने क्या देखा ?? जरूर जाने

साल 2021 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सबसे बड़े स्‍पेस टेलीस्‍कोप ‘जेम्‍स वेब’ को लॉन्‍च किया था। पिछले साल जुलाई से इसने काम करना शुरू किया और अबतक हमारे ब्रह्मांड की कई हैरान करने वाली तस्‍वीरें खींची हैं। इसकी लेटेस्‍ट इमेज में हमारी आकाशगंगा ‘मिल्‍की-वे’ के केंद्र को दिखाया गया है। पहली बार मिल्‍की-वे के केंद्र की इतनी ब्राइट और कलरफुल फोटो सामने आई है। नासा ने इस तस्‍वीर को शेयर करते हुए उम्‍मीद जताई कि इससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्‍पत्ति‍ के बारे में और जानकारी मिल सकती है। नई तस्‍वीर में साजेटेरियस सी नाम के एक तारा-निर्माण क्षेत्र को दिखाया गया है। यह हमारी पृथ्‍वी से लगभग 25 हजार प्रकाश वर्ष दूर, आकाशगंगा के केंद्र में है। इतनी दूर स्थित चीजों को कैप्‍चर करने के कारण ही JWST वैज्ञानिकों के बीच पसंदीदा टेलीस्‍कोप बन गया है।
रिपोर्ट के अनुसार यह टेलीस्‍कोप इंफ्रारेड लाइट को कैप्‍चर कर सकता है। इसी वजह से साजेटेरियस सी का इलाका तस्‍वीरों में आ पाया है। तस्‍वीर में जो डिटेल मिली है, वह पहले ली गई फोटोज में नहीं थी। प्रोजेक्‍ट के प्रिंसिपल इन्‍वेस्टिगेटर सैमुअल क्रो के हवाले से नासा ने कहा है कि जेम्‍स वेब द्वारा ली गई इमेज आश्‍चर्यजनक है। इससे अंतरिक्ष के बारे में जो जानकारियां मिलेंगी वो पहले से ज्‍यादा बेहतर होंगी। सैमुअल का कहना है कि तारे वो कारखाने हैं, जिनके न्‍यूक्लियर कोर में हैवी एलीमेंट्स पैदा होते हैं। तारों को बेहतर ढंग से समझना मतलब है कि ब्रह्मांड के ज्‍यादातर हिस्‍से की उत्पत्ति के बारे में पता चल सकता है। नासा का अनुमान है कि इस तस्‍वीर में 5 लाख तारे हैं। साथ ही प्रोटोस्‍टार का एक समूह भी है। रिपोर्ट के अनुसार, तस्‍वीर के साथ ही जेम्‍स वेब ने आसपास के वातावरण का डेटा भी भेजा है,‍ जिसे स्‍टडी किया जा रहा है। गौरतलब है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट करीब 10 हजार करोड़ रुपये है।

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