कंटीनम ऑफ केयर (असंक्रामक रोगों की देखभाल की निरंतरता ) विषय पर कार्यशाला
स्वास्थ्य भवन नागौर में आयोजित हुई कार्यशाला में जिले के पीएचसी प्रभारियों की हुई कार्यशाला
कैलाश गिरी गोस्वामी, नागौर :
जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित ने कहा कि चिकित्सक धरती का भगवान माना जाता है, रोगी का उपचार कर उसे स्वस्थ बनाना ईश्वरीय कार्य से कम नहीं है। सरकारी क्षेत्र में नियुक्त चिकित्सक मरीज के उपचार के साथ-साथ आमजन में स्वास्थ्य चेतना भी लाएं तभी हम सभी प्रकार के हैल्थ इंडीकेटर्स पर आगे रहेंगे जिससे चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में हमारा नागौर नई ऊंचाईयों को प्राप्त करेगा।
जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित गुरूवार को नागौर जिला मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य भवन सभागार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी कार्यक्रम के तहत कंटीनम ऑफ केयर (असंक्रामक रोगों की देखभाल की निरंतरता) विषय पर चिकित्सा अधिकारियों की एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला तथा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र के प्रभारी अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
जिला कलक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा का ढांचा सृदृढ़ होना अत्यंत जरूरी है, इसके लिए जरूरी है कि वहां नियुक्त हमारा मेडिकल स्टॉफ पूरे हैल्थ प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए काम करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर नियुक्त चिकित्साधिकारी सहित पूरा मेडिकल स्टॉफ निर्धारित समय पर आमजन की चिकित्सा सेवा के लिए मौजूद रहे। चिकित्साधिकारी अपने लेवल पूरे स्टॉफ की मॉनिटरिंग करते हुए उनके कार्य की समीक्षा करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि चिकित्सा अधिकारी मरीजों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें, साथ ही गांव के गणमान्यजन, जनप्रतिनिधि, राजकीय कर्मचारी एवं अधिकारियों तथा आशा एएनएम व आंगनबाड़़ी के साथ निरंतर संवाद रखे। चिकित्सा अधिकारी आमजन को बीपी, शुगर, हाईपर टेंशन सहित विभिन्न असंक्रामक बीमारियों, उनके लक्षण बताएं तथा हैल्थ स्क्रीनिंग करवाएं। अपने से वरिष्ठ चिकित्सकों से संवाद स्थापित कर उनके अनुभवों का बेहत्तर लाभ उठाएं ताकि आपके चिकित्सा संस्थान में आने वाले मरीज का अच्छा डायग्नोस और उपचार हो सके। ऐसा होने से चिकित्साधिकारी की साख बढ़ेगी और ओपीडी का आंकड़ा स्वतः ही ऊंचा चला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सा संस्थान पर नियुक्त चिकित्साधिकारी स्वयं अपने कार्य का साप्ताहिक रिव्यु करें, इससे उनके कार्य में निखार आएगा।
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि सरकारी चिकित्सक अपने चिकित्सा संस्थान में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें, इसके लिए पीएचसी स्तर के लेबररूम को पूर्ण साफ-सफाई तथा निजी अस्पताल के लेबर रूम की तरह अत्याधुनिक आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण करें। दवा वितरण केन्द्र पर निर्धारित निशुल्क दवाईयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें तथा एक्सपाईजरी दवाईयों का विशेष रूप से ध्यान रखते हुए इन्हें डिस्पोज ऑफ करें। उन्होंने निर्देश दिए पीएचसी स्तर की जांच प्रयोगशाला को भी संसाधनों की दृष्टि से अपडेट रखें। जिला कलक्टर ने डेंगू, मलेरिया सरीखी मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर अभियान के रूप में निरंतर कार्य करने के निर्देश दिए।
प्रषिक्षण कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश कुमावत ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले की समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवा वितरण केन्द्र समय पर खुल जाए, मरीजों को निर्धारित मात्रा में दवाई मिले, यह सुनिश्चित कर लें। डॉ. कुमावत ने कहा कि जिले के समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े इंटीकेटर्स पर शत-प्रतिशत काम हो। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसूति कक्ष को जिला कलक्टर के निर्देशानुसार पूरे प्रोटोकॉल की पालना के साथ विकसित किया जाए। इसकी अवलोकन के लिए अब निकट भविष्य में विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी फिल्ड में जाएंगे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी, जिला औषध भंडार प्रभारी डॉ. राजेश पाराशर तथा उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रूपम चौधरी ने भी अपने-अपने कार्यक्षेत्र से जुड़े दिशा-निर्देश पीएचसी प्रभारियों को दिए।
कार्यशाला में डॉ. शिवलाल मेहरा ने पीएचसी प्रभारियों को पोस्टमार्टस की पद्धति के बारे में प्रशिक्षण दिया। वहीं एपीडेमोलॉजिस्ट साकिर खान ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के तहत किए जा रहे हैल्थ सर्वे तथा मरूधर एप पर उसका ऑनलाइन अपडेशन करने का प्रशिक्षण दिया। एनसीडी कार्यक्रम के स्टेट ट्रेनर शिम्भुराम कड़वासरा ने एनसीडी कार्यक्रम की संपूर्ण गतिविधियों के संचालन तथा सीएचओ रविन्द्रसिंह राठौड़ ने एनसीडी की समस्त गतिविधियों की ऑनलाइन एंट्री के बारे में प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में एनसीडी कार्यक्रम के एफसीएलओ सादिक त्यागी, जिला कार्यक्रम समन्वयक हेमन्त उज्जवल सहित जिले के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।