रजकुमार गुप्ता ब्यूरो चीफ मथुरा
मथुरा। महानगर में 10 रुपये के सिक्कों को नहीं लिया जा रहा। यहां दुकानदार की छोड़ो, भिखारी तक 10 का सिक्का लेने से मना कर रहे हैं। हालांकि, मथुरा शहर को छोड़ दूसरे जिलों में आसानी से यह सिक्का चल रहा। यह भारतीय मुद्रा का अपमान है और इसके लिए राजद्रोह के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अगर कोई भी सिक्का लेने से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। पुलिस संबंधित के खिलाफ अपराध कायम करेगी। अब धीरे धीरे 10 रुपये के सिक्कों का चलन ही बंद हो गया है। शहर के छोटे बड़े कारोबारियों का कहना है कि बाजारों में अब 10 रुपए के सिक्के ही दिखाई नहीं देते। बाजारों में इस सिक्के से लेन देन बंद होने की वजह से अब ये दिखना भी बंद हो गए हैं।
किसी भी किराना दुकान, चाय, पान की दुकान या ठेलों में 10 रुपये के सिक्के नहीं लिए जाते। सामान देने वाला व्यापारी 10 रुपये के सिक्के लेने से साफ इंकार कर कर देता है। व्यापारियों ने बताया कि जब फोन पे, पेटीएम समेत कई ऐप शुरू हुए हैं, लोग इसी से भुगतान कर देते हैं। इसलिए बाजार में अब 10 रुपए के सिक्के दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। कुछ समय बाद यह सिक्के बाजार से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। एक साथ 10 के सिक्के बड़ी संख्या में इकट्ठा करने पर बैंक वाले भी उसे जमा करने से इंकार कर देते हैं। बैंकों में चिल्लर जमा करने जाने पर अधिकारी खाली समय या शाम को आने के लिए कहते हैं। बड़े जमा बैंक वाले एक बार में लेते ही नहीं। दबाव बनाने के बाद दो से तीन बार में जमा करते हैं। इसलिए व्यापारियों ने 10 रुपये के सिक्के लेना ही बंद कर दिया। भिखारी भी अब 10 के सिक्के लेने से इंकार कर देते हैं, डिजिटल इंडिया के मद्देनजर अब भिखारी ऑनलाइन क्यूआर कोड साथ लेकर चल रहे हैं। आरबीआई की गाइड लाइन के अनुसार अगर कोई दुकानदार दस के सिक्के लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
वर्जन
दस के सिक्के पूरी तरह से वैध हैं अगर कोई दुकानदार या बैंक दस के सिक्के लेने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ तइप.पद पर शिकायत कर सकते हैं। या स्थानीय थाने पर उसकी शिकायत कर सकते हैं।
-रोहित टण्डन, एलडीएम।