“रेल मंत्रालय के नए नियम से हजारों अधिकारियों का सपना चकनाचूर – जानें क्यों 52 की उम्र बन गई बाधा!”

रेल मंत्रालय ने मंडल रेल प्रबंधक (DRM) पद के लिए पात्रता मापदंडों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो रेलवे प्रशासन के कामकाज को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इन नए नियमों के अनुसार, DRM बनने के लिए विचाराधीन अधिकारियों की आयु अन्य योग्यताओं के साथ 52 वर्ष से कम होनी चाहिए। यह परिवर्तन अधिकारियों की योग्यता और उनके करियर के अनुभव पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाया गया है।

आयु सीमा में बदलाव

रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा सर्कुलर के अनुसार, DRM पद के लिए योग्य अधिकारियों की आयु सीमा 52 वर्ष से कम होनी चाहिए। यह आयु सीमा उस वर्ष की 1 जनवरी को निर्धारित की जाएगी, जिस वर्ष में पद रिक्त होगा। इससे यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि युवा और ऊर्जावान अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के पद पर नियुक्त किया जाए।

हालांकि, इस नियम में किसी प्रकार की छूट न देने के निर्णय से रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का एक वर्ग निराश है। कई अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारी इस आयु सीमा के कारण इस पद के लिए अयोग्य हो सकते हैं, भले ही वे अन्य योग्यताओं में उत्कृष्ट हों। एक पूर्व DRM अधिकारी का कहना है कि उम्र को प्रमुख आधार बनाकर DRM की नियुक्ति करना उचित नहीं है। उनका मानना है कि कई वरिष्ठ अधिकारी, जो 52 वर्ष की आयु के बाद इस पद के लिए पात्र होते हैं, कई बार अधिक योग्य और अनुभवी होते हैं। इस नए नियम से उन अधिकारियों का मनोबल गिर सकता है, जिन्हें पहले से पता होता है कि वे उम्र की वजह से इस पद के लिए चयनित नहीं हो पाएंगे।

अनुभव और योग्यता से जुड़े नए मानदंड

नए दिशा-निर्देशों में अधिकारियों को रेलवे या रेलवे के किसी सार्वजनिक उपक्रम में न्यूनतम 15 वर्षों का अनुभव होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह अनुभव पहले के दिशा-निर्देशों में 22 वर्ष का था, जिसे अब घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। कई विशेषज्ञों ने इस बदलाव को सकारात्मक कदम बताया है, क्योंकि यह उन अधिकारियों के लिए अवसर प्रदान करेगा जो कम कार्यकाल में अपनी कुशलता साबित कर चुके हैं।

इसके अतिरिक्त, अधिकारियों की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) का महत्व भी बढ़ा दिया गया है। नए नियमों के तहत, DRM पद के लिए पात्र अधिकारी की करियर के दौरान कम से कम 60 प्रतिशत APAR ‘उत्कृष्ट’ होनी चाहिए। इसका अर्थ है कि केवल अनुभव ही नहीं, बल्कि प्रदर्शन का स्तर भी चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस नियम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अधिकारियों का चयन उनके संपूर्ण करियर में प्रदर्शित गुणवत्ता और उत्कृष्टता के आधार पर हो।

पिछले APAR की मंजूरी का महत्व

नए दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि DRM पद के लिए विचाराधीन अधिकारियों के पिछले दस APAR में से कम से कम पांच APAR ‘मंजूरी’ (approved) होने चाहिए। यह शर्त पहले के नियमों से अलग है, जिसमें पांच APAR में से पांच मंजूरी की आवश्यकता थी। इसका उद्देश्य यह है कि अधिकारियों के पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए उन्हें DRM जैसे उच्च पद पर नियुक्त किया जाए।

छूट के प्रावधान

हालांकि, नए दिशा-निर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि सक्षम प्राधिकारी प्रशासनिक आवश्यकताओं और जनहित को ध्यान में रखते हुए विशेष परिस्थितियों में कुछ शर्तों में छूट दे सकते हैं। यह छूट केवल तब दी जा सकती है जब इसके पीछे स्पष्ट कारण हो, और इसे लिखित रूप में दर्ज किया जाना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान उन अधिकारियों के लिए उम्मीद की किरण हो सकता है, जो किसी विशिष्ट परिस्थिति के कारण इन मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं, लेकिन फिर भी DRM पद के लिए योग्य माने जा सकते हैं।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं

विशेषज्ञों और पूर्व DRM अधिकारियों ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उनका मानना है कि DRM जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए योग्य और गतिशील अधिकारियों की आवश्यकता होती है। रेलवे मंडल की जिम्मेदारी बड़ी होती है, और एक गलत निर्णय रेलवे के राजस्व और संचालन पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसीलिए, नए मानदंडों के तहत केवल वही अधिकारी चुने जाएंगे जो न केवल अनुभव में बल्कि प्रदर्शन में भी उत्कृष्ट साबित हुए हों।

कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि नए दिशा-निर्देशों में 15 वर्षों के अनुभव को अनिवार्य करने का फैसला सकारात्मक है। पिछले दिशा-निर्देशों में यह मापदंड नहीं था, जिससे कम अनुभव वाले अधिकारी भी इस पद के लिए पात्र हो जाते थे। अब, इस नए नियम के तहत, DRM पद के लिए अधिक अनुभवी अधिकारियों का चयन सुनिश्चित किया जाएगा, जो रेलवे के संचालन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत करेगा।

कुल मिलाकर, ये नए नियम और दिशा-निर्देश रेलवे में कुशल और योग्य नेतृत्व के चयन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इस बदलाव से रेलवे प्रशासन को अधिक सुव्यवस्थित और पेशेवर ढंग से संचालित किया जा सकेगा।

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