“राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा में इल्हान उमर से मुलाकात पर मचा बवाल – जानिए पूरा सच!”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद, राहुल गांधी अपनी पहली अमेरिकी यात्रा पर हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान दिए गए हर बयान और की गई हर मुलाकात को गहन राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है, क्योंकि इससे भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। मंगलवार को, राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी में रेबर्न हाउस में अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्यों से मुलाकात की। इस बैठक में प्रमुख रूप से ब्रैडली जेम्स शर्मन (जो इस बैठक के मेजबान थे), जोनाथन जैकसन, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, बारबरा ली, श्री थानेदार, जीसस जी. गार्सिया, इल्हान उमर, हैंक जॉनसन, और जैन शाकोव्स्की शामिल थे।

हालांकि, इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा राहुल गांधी और अमेरिकी कांग्रेस सदस्य इल्हान उमर की मुलाकात को लेकर हो रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इल्हान उमर के साथ उनकी मुलाकात पर सवाल उठाए हैं और आलोचनाएं भी की हैं, क्योंकि इल्हान उमर का इजरायल और भारत विरोधी रुख लंबे समय से विवादों में रहा है।

इल्हान उमर का परिचय:

इल्हान उमर 2019 से अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य हैं और वह मिनेसोटा के 5वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह अमेरिकी कांग्रेस की पहली सोमाली-अमेरिकी सदस्य हैं और मिनेसोटा से चुनी गई पहली गैर-श्वेत महिला भी हैं। इसके अलावा, उमर अमेरिकी कांग्रेस में शामिल होने वाली पहली मुस्लिम महिलाओं में से एक हैं। उन्हें रशीदा तलीब के साथ इस्लामिक मूल की पहली महिला सांसदों में गिना जाता है।

इल्हान उमर अपने इजरायल विरोधी बयानों और विचारों के कारण हमेशा चर्चा में रहती हैं। उन्होंने अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में कई मौकों पर इजरायल की नीतियों का कड़ा विरोध किया है, जिससे अमेरिकी-इजरायल संबंधों पर भी प्रभाव पड़ा है। उमर ने इसराइल की फिलिस्तीन नीति को लेकर तीखी आलोचना की है, और उनके कई बयानों को यहूदी-विरोधी करार दिया गया है। इस कारण से उमर कई बार अपनी पार्टी के भीतर और बाहर आलोचनाओं का सामना कर चुकी हैं।

उमर का व्यक्तिगत और राजनीतिक सफर:

इल्हान उमर का जन्म सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में हुआ था। 1991 में जब सोमालिया में गृह युद्ध छिड़ा, तो उनके परिवार को देश छोड़कर भागना पड़ा। परिवार ने केन्या के एक शरणार्थी शिविर में चार साल बिताए और 1995 में उन्हें अमेरिका में शरण मिली। उमर का जीवन एक संघर्षशील पृष्ठभूमि से शुरू हुआ, लेकिन उन्होंने खुद को अमेरिकी राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया। वह अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रगतिशील गुट ‘Squad’ की प्रमुख सदस्य हैं, जो सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों के मुद्दों पर मुखर रहती है।

भारत के प्रति इल्हान उमर का रुख:

इल्हान उमर ने कई बार भारत के खिलाफ भी कड़े बयान दिए हैं, जिससे वह भारतीय राजनीतिक गलियारों में भी विवादित रही हैं। हाल ही में, भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव पर उमर ने बयान दिया था कि अमेरिका को सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका की कनाडा द्वारा की जा रही जांच का पूर्ण समर्थन करना चाहिए। इस बयान ने भारत में काफी नाराजगी पैदा की थी।

इसके अलावा, अप्रैल 2022 में उमर ने अमेरिका और भारत के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा गठबंधन की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें उन्होंने भारत के साथ अमेरिकी संबंधों पर पुनर्विचार की बात कही थी। यह कदम भी भारत के संदर्भ में उनकी आलोचनात्मक सोच को दर्शाता है। उमर ने 2019 में एक विधेयक के खिलाफ भी मतदान किया था, जो भारतीय नागरिकों के लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को तेज करने से संबंधित था। इसी वर्ष, उन्होंने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ भी सार्वजनिक रूप से विरोध दर्ज कराया था, जिससे भारतीय प्रशासनिक नीति पर उनके विचारों को और अधिक स्पष्टता मिली।

पाकिस्तान की यात्रा और विवाद:

अप्रैल 2022 में इल्हान उमर ने पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और इमरान खान से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का भी दौरा किया। उमर के POK जाने को भारत ने गंभीर रूप से लिया और इस पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे ‘छोटी मानसिकता की राजनीति’ कहा। भारत का मानना था कि उमर का यह कदम क्षेत्रीय विवाद को और भड़काने की कोशिश है।

इस यात्रा के कुछ ही महीनों बाद, इल्हान उमर ने अमेरिकी कांग्रेस में भारत की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। बाद में यह खुलासा हुआ कि उमर की इस यात्रा का खर्च पाकिस्तान सरकार द्वारा वहन किया गया था, जिससे उनकी यात्रा के पीछे के राजनीतिक मकसद पर भी सवाल खड़े हुए।

राहुल गांधी और इल्हान उमर की मुलाकात को लेकर चल रहे विवाद से साफ है कि भारतीय राजनीतिक हलकों में इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। राहुल गांधी की इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं, और इसकी राजनीतिक असर पर भी नजरें टिकी हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!