वन माफियाओं ने करीब तीन सैंकड़ा हरे पेड़ों को जेसीबी और कटर मशीनों से काटा

रात्रि भर चलता रहा हरे पेड़ों का कटान,वन विभाग और स्थानीय पुलिस कुंभकर्णी नींद में सोती रही

राजकुमार गुप्ता ब्यूरो चीफ मथुरा

मथुरा । ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत वृंदावन छटीकरा मार्ग पर कई एकड़ भूमि में फैले फार्महाउस से सैकड़ों की संख्या में हरे पेड़ों को काटने का मामला सामने आया है। प्रतिबंधित पेड़ो के कटान से जहां पर्यावरण प्रेमियों में रोष व्याप्त है वहीं वन विभाग के अधिकारी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही में जुट गए हैं। यहां बताते चलें कि वृंदावन छटीकरा मार्ग पर प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर के सामने करीब 35 एकड़ भूमि पर डालमिया फार्म हाउस बना हुआ है। जिस पर सैकड़ो की तादाद में हरे पेड़ों की वृक्षावली है। बीती रात करीब 11 बजे दर्जन भर से अधिक जेसीबी और पॉपलेन मशीन के साथ आए लोगों ने अंधेरे का लाभ उठाकर इलेक्ट्रिक मशीनों से पेड़ो को काटना शुरू कर दिया। सुबह सबेरे जब क्षेत्रवासियों ने उक्त भूमि पर जमीनी हालात देखे तो हड़कंप मच गया। सैकड़ों की संख्या में हरे पेड़ काटे जा चुके थे। जिसमें नीम, जामुन,पीपल, सहजना,जैसे प्रतिबंधित पेड़ भी शामिल है। बड़ी संख्या में पुराने पेड़ो को जेसीबी की टक्कर से जड़ से उखाड़ दिया गया है। बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों के कटान की खबर मिलते ही रेंजर अतुल तिवारी,सीनियर डिवीजन ऑफिसर मनीष कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए और तीन टीम बनाकर कटे हुए पेड़ों की गिनती शुरू करवा दी। रेंजर अतुल तिवारी के अनुसार प्राथमिक तौर पर करीब तीन सौ से अधिक पेड़ों की गिनती हो चुकी है। जल्द ही गणना पूरी करवा कर दोषी लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। यहां बताते चलें कि ताज ट्रिपेजियम जोन में शामिल होने की वजह से बिना विभागीय अनुमति के किसी भी तरह के पेड़ों के कटान पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाई हुई है। उसके बाबजूद भू माफियाओं द्वारा कानून को ताक पर रखकर हरे पेड़ों का अवैध रूप से कटान किया गया है। चसमदीद गवाह महाराज परमानंद का कहना है कि रात्रि करीब 11 बजे एक दर्जन जेसीबी लेकर करीब दो दर्जन लोग पूरे जोश में फार्म हाउस में घुस गए। और हरे पेड़ों को दनादन काटना शुरू कर दिया। फार्म हाउस के सामने फुटपाथ पर झोंपड़ी डालकर करीब 5 वर्ष से जीवन यापन कर रहे हैं। इस झोंपड़ी को भी तोड़ दिया गया। काफी हाथ जोड़ने पर भी नहीं माने। बमुश्किल झोपड़ी को दोबारा से तैयार किया गया है। हरे पेड़ों को काटने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फार्म हाउस के समीप फुटपाथ पर जूता की दुकान लगाने वाले विजय सिंह ग्राम कोटी,थाना पचोखरा,जिला फिरोजाबाद ने बताया कि करीब एक दर्जन लग्जरी और कुछ वैसी कारों में करीब 40 50 लोग जेसीबी ,मजदूर और कटर मशीन लेकर बुधवार की रात्रि 11 बजे आए थे जिन्होंने आते ही हरे पेड़ों को कटवाना शुरू कर दिया। उस समय बिजली भी नहीं थी। गुरुवार की प्रातः करीब 5 बजे तक पेड़ों को काटने का सिलसिला चला। एक लग्जरी गाड़ी में दो नेता टाइप के थे। जो दिशा निर्देश दे रहे थे। करीब 2 दर्जन बाउंसर पूरी निगरानी करते रहे। डर की वजह से पुलिस को भी सूचना देने की हिम्मत नहीं हुई। सभी लोग बड़ी शान से जेसीबीओं को लेकर निकल कर गए। घटना के समय फार्म हाउस का मैनेजर कमल शर्मा भी मोजूद था। वन माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। भारतीय किसान यूनियन भानू के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पहलवान का कहना है कि इतने सारे हरे पेड़ों को काटने में जरूर किसी रसूखदार का हाथ है। प्रदेश सरकार पौधारोपण करने की बात कह रही है। वन माफिया नीम,पीपल,बरगद जैसे पेड़ों को बेरहमी से नष्ट करने में लगे हुए हैं। उनके संज्ञान में आया है कि इस पेड़ों के कटान में कई स्थानीय जमीन कारोबारी भी शामिल हैं।
आखिर रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक हरे पेड़ों का कटान चलता रहा। पुलिस और वन विभाग कहां सोता रहा। यह भी जांच का विषय है। एनजीटी को भी स्वताः संज्ञान लेकर कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। वह शुक्रवार को अपनी यूनियन के साथ घटना स्थल पर धरना देकर वन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। और मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया जायेगा। वन विभाग के एसडीओ सुशील कुमार ने बताया कि पेड़ों की गणना करवाई जा रही है। करीब 250 से 300 के लगभग हरे पेड़ कटे हुए मिले हैं। जिला वन अधिकारी रजनीकांत मित्तल 20 सितंबर तक अवकाश पर हैं। आगरा के डीएफओ आदर्श कुमार पर मथुरा का अतिरिक्त चार्ज है। घटना से वह भी अचंभित हैं। रेंजर अतुल तिवारी को रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए थाना जैंत पर भेजा गया है। दोषी कितना भी रसूखदार हो हर हाल में कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। प्रभारी निरीक्षक थाना जैंत अश्वनी कुमार का कहना है कि वह पुलिस बल के साथ ट्रेन की घटना में बिजी हो गए थे। इसी का फायदा वन माफियाओं द्वारा उठाया गया है। वन विभाग से अभी तक कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। तहरीर मिलते ही रिपोर्ट दर्ज कर वन माफियाओं को हर हाल में सजा दिलवाने का काम किया जाएगा ।

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