मुंबई के धारावी इलाके में अवैध निर्माण को लेकर एक मस्जिद पर कार्रवाई से पहले माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा 90 फीट रोड पर स्थित सुभानी मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के प्रयास ने मुस्लिम समुदाय के भारी विरोध का सामना किया। बीएमसी की कार्रवाई से पहले ही इलाके में तनाव बढ़ गया था, और जब बीएमसी की टीम मौके पर पहुंची, तो समुदाय के लोगों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। स्थिति को काबू में रखने के लिए पुलिस ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं।
सुभानी मस्जिद का विवाद:
धारावी के 90 फीट रोड पर स्थित सुभानी मस्जिद पिछले 25 सालों से वहां मौजूद है, लेकिन बीएमसी ने इसे अवैध घोषित किया है। बीएमसी का कहना है कि यह मस्जिद बिना आवश्यक मंजूरी के बनाई गई थी, और इस कारण इसे गिराना अनिवार्य है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोग इसे धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता देते हैं और इसे गिराने के खिलाफ हैं।
मस्जिद से जुड़े इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब बीएमसी ने मस्जिद को गिराने की योजना बनाई और इसके लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मस्जिद बहुत पुरानी है और उनकी धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हुई है, इसलिए इसे गिराया नहीं जाना चाहिए।
एक चिट्ठी ने भड़काया माहौल:
इस पूरे मामले को भड़काने वाली एक चिट्ठी सामने आई, जिसमें लिखा था कि बीएमसी की टीम 21 सितंबर की सुबह 9 बजे पुलिस सुरक्षा के साथ मस्जिद को गिराने के लिए आएगी। चिट्ठी में समुदाय के लोगों से अपील की गई थी कि वे मस्जिद की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में जमा हों। इस संदेश के वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास इकट्ठा हो गए, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया।
स्थानीय लोगों ने मस्जिद के पास ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि मस्जिद को गिराने का फैसला अन्यायपूर्ण है, और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी के खिलाफ नारेबाजी की और मस्जिद की सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए।
बीएमसी की कार्रवाई का कड़ा विरोध:
बीएमसी की टीम जब मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के लिए पहुंची, तो उन्हें स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बीएमसी की गाड़ियों का रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया, और उनकी गाड़ियों पर पथराव भी किया गया। विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि बीएमसी का यह कदम उनकी धार्मिक भावनाओं पर सीधा आघात है, और वे इसे रोकने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि बीएमसी की टीम को अपनी कार्रवाई रोकनी पड़ी। विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग रात से ही सड़कों पर बैठे हुए थे और सुबह बीएमसी के आने से पहले ही वे बड़ी संख्या में मस्जिद के आसपास जमा हो गए थे। स्थानीय मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह मस्जिद उनकी आस्था का प्रतीक है, और वे इसे गिराने की अनुमति नहीं देंगे।
पुलिस बल की भारी तैनाती:
धारावी इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए मुंबई पुलिस ने मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस के साथ बीएमसी के अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने यह कदम कानून के तहत उठाया है, क्योंकि मस्जिद का निर्माण अवैध था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मस्जिद को गिराना धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने जैसा है, और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
धार्मिक भावनाओं का टकराव:
धारावी इलाके में सुभानी मस्जिद को लेकर पैदा हुए इस विवाद ने धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को भड़काया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि उनकी आस्था और पहचान का प्रतीक है। बीएमसी की कार्रवाई को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए वे इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर मुंबई में धार्मिक स्थलों और अवैध निर्माणों के बीच के टकराव को उजागर किया है। कई बार ऐसी स्थितियां प्रशासन और समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाती हैं। हालांकि, बीएमसी अपने फैसले पर अडिग है और अधिकारियों का कहना है कि वे कानून के अनुसार ही काम कर रहे हैं।
आगे की कार्रवाई:
विरोध प्रदर्शन के बावजूद, बीएमसी और पुलिस ने मिलकर स्थिति को नियंत्रण में रखने की योजना बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को शांति से सुलझाने की कोशिश करेंगे, लेकिन अवैध निर्माण पर कार्रवाई के अपने निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे।