“केरल का सादा लड़का या अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रकारी? लेबनान धमाकों से जुड़े नॉर्वे में बसे भारतीय का चौंकाने वाला सच!”

नॉर्वे में बसे भारतीय प्रवासी रिनसन जोस का नाम लेबनान में हुए हिजबुल्लाह पेजर विस्फोटों से जुड़ने के बाद काफी सुर्खियों में है। इन धमाकों में 12 लोगों की जान गई थी, और जांच एजेंसियों का मानना है कि जोस की कंपनी, नॉर्टा ग्लोबल, ने उन पेजर्स की सप्लाई की थी जो इन विस्फोटों में इस्तेमाल हुए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, जोस की कंपनी ने इन पेजर्स की सप्लाई की, जो संदिग्ध पाए गए। यह भी बताया जा रहा है कि ईरान अपने सहयोगी हिजबुल्ला पर हुए इस हमले की अलग से जांच कर रहा है, जबकि इजरायल ने भी इन विस्फोटों के पीछे की साजिश की पड़ताल शुरू कर दी है।

जोस की पृष्ठभूमि और केरल से संबंध:

37 साल के रिनसन जोस की जड़ें भारत के केरल राज्य से जुड़ी हुई हैं। वह केरल के वायनाड जिले में पैदा हुआ था और अपने शांत स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्तियों के लिए जाना जाता था। बचपन में, जोस का सपना था कि वह पादरी बने। इसके लिए उसने कुछ समय तक धार्मिक ट्रेनिंग भी ली थी। भारत में रहते समय, उसे प्रकृति और हरियाली से बहुत प्रेम था। लेकिन बाद में उच्च शिक्षा और रोजगार की तलाश में वह नॉर्वे चला गया।

नॉर्वे जाने के बाद, जोस ने शुरुआत में वहां एक कंपनी में नौकरी की, लेकिन अप्रैल 2022 में उसने अपनी खुद की कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड की स्थापना की। यह कंपनी बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में पंजीकृत है और मुख्य रूप से कंसल्टेंसी सेवाओं से जुड़ी हुई है। जोस के परिवार और रिश्तेदार बताते हैं कि वह हमेशा से एक ईमानदार और सरल स्वभाव का व्यक्ति था, और उनका विश्वास है कि उसे किसी षड्यंत्र के तहत इस मामले में फंसाया जा रहा है।

लेबनान धमाकों से जोस का नाम कैसे जुड़ा:

जब लेबनान में हिजबुल्लाह पर हुए इन पेजर विस्फोटों की खबर सामने आई, तो जांच एजेंसियों का ध्यान उन पेजर्स पर गया, जिनका इस्तेमाल धमाकों में हुआ था। जांच करते हुए यह जानकारी सामने आई कि संदिग्ध पेजर्स की सप्लाई रिनसन जोस की कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड के जरिए हुई थी। इस खुलासे के बाद, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने जोस और उसकी कंपनी की गहराई से जांच शुरू कर दी।

नॉर्वेजियन नागरिकता और फिल्मी कहानी:

जोस केरल में पैदा हुआ था, लेकिन अब वह नॉर्वे का नागरिक है। उसकी ज़िंदगी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी लगती है। नॉर्वे में पढ़ाई के बाद, उसने कुछ समय तक लंदन में भी काम किया और फिर वापस ओस्लो लौट आया, जहां वह अपनी पत्नी के साथ रहता है। उसके जुड़वां भाई की पहचान भी सामने आई है, जो लंदन में रहता है। जोस के रिश्तेदारों के मुताबिक, वह नियमित रूप से अपने परिवार से फोन पर बातचीत करता था, और दिन में एक बार उसका फोन आना तय था। लेकिन पिछले तीन दिनों से उसका कोई संपर्क नहीं हुआ है, जिससे परिवार के लोग चिंतित हैं।

6 करोड़ का टर्नओवर और कंपनी की बैलेंस शीट:

जोस की कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड ने अपनी स्थापना के एक साल के भीतर ही 6 करोड़ भारतीय रुपये का टर्नओवर हासिल किया। कंपनी की बैलेंस शीट के अनुसार, यह आय यूरोपीय संघ के बाहर कंसल्टेंसी सेवाओं से हुई थी। नॉर्टा ग्लोबल मुख्य रूप से कंसल्टेंसी और अन्य सेवाओं के माध्यम से कारोबार करती है।

जोस की नौकरी और लिंक्डइन प्रोफाइल:

रिनसन जोस का लिंक्डइन प्रोफाइल बताता है कि वह नॉर्वे की एक प्रमुख मीडिया कंपनी, डीएन मीडिया, से भी जुड़ा हुआ है। डीएन मीडिया ने बताया कि जोस मंगलवार को विदेश गए थे, लेकिन तब से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने भी जोस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

बुल्गारियाई एजेंसियों की जांच:

इस बीच, बुल्गारिया की स्टेट सिक्योरिटी एजेंसी DANS ने बयान दिया है कि लेबनान धमाकों में इस्तेमाल किए गए पेजर्स बुल्गारिया में न तो आयात किए गए थे, न ही उनका निर्यात हुआ था, और न ही वहां उनका निर्माण किया गया था। यह जांच के लिए एक अहम बिंदु है क्योंकि इन पेजर्स की सप्लाई का स्रोत अब भी संदेह के घेरे में है। हालांकि, जोस की कंपनी को इन विस्फोटों से जोड़ने वाली जांच अभी शुरुआती चरण में है, और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस मामले की छानबीन कर रही हैं।

इस पूरी घटना से जोस का नाम एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय विवाद में आ गया है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि वे जल्द ही इस मामले में सच्चाई तक पहुंचेंगे, जबकि जोस के परिवार और रिश्तेदारों को उम्मीद है कि वह निर्दोष साबित होगा।

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