पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने एक सोची-समझी साजिश के तहत उन्हें और उनकी पार्टी को भ्रष्ट साबित करने की कोशिश की। इसके साथ ही केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से भी कई सवाल किए, जो भाजपा (BJP) के कामकाज और नेतृत्व से जुड़े थे।
मोदी पर ईमानदारी को लेकर हमला
केजरीवाल ने अपने भाषण में बताया कि पिछले दस वर्षों से उनकी सरकार पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही थी। उन्होंने दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा का लाभ दिया। केजरीवाल ने कहा, “हमने ईमानदारी से सरकार चलाई, बिजली और पानी मुफ्त किया, लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया और शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।”
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि जब मोदी को लगा कि वह अपनी ईमानदारी के दम पर चुनाव नहीं जीत सकते, तो उन्होंने केजरीवाल और उनकी पार्टी को भ्रष्ट साबित करने के लिए एक साजिश रची। उन्होंने कहा, “मोदी जी ने सोचा कि अगर हमें केजरीवाल से जीतना है, तो उनकी ईमानदारी पर हमला करना होगा। फिर उन्होंने साजिश रची कि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और AAP को बेईमान साबित किया जाए और हमारे हर नेता को जेल में डाला जाए।”
आवास छोड़ने की घोषणा
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री का सरकारी आवास छोड़ने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास खुद का कोई घर नहीं है और पिछले दस वर्षों में उन्होंने केवल जनता का प्यार कमाया है। केजरीवाल ने कहा, “मैंने अपने दस साल के कार्यकाल में सिर्फ प्यार कमाया है। मुझे अब कई लोगों के फोन आ रहे हैं जो मुझे अपने घर में रहने का प्रस्ताव दे रहे हैं। श्राद्ध खत्म होने के बाद और नवरात्रि के प्रारंभ में, मैं मुख्यमंत्री का घर छोड़ दूंगा और आपमें से किसी के घर में आकर रहूंगा।”
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा और कानूनी लड़ाई
अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, यह कदम उन्होंने तिहाड़ जेल से बाहर आने के कुछ दिनों बाद उठाया। उन्हें दिल्ली की शराब नीति से जुड़े मामले में जेल भेजा गया था। अब दिल्ली की कमान आतिशी ने संभाल ली है, जो चुनाव तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में रहेंगी। चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है।
केजरीवाल ने कहा कि उनके वकीलों ने उन्हें बताया कि यह मामला अदालतों में दस साल तक चल सकता है। उन्होंने कहा, “मैं इस कलंक के साथ नहीं जी सकता। इसलिए मैंने सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊं। अगर मैं बेईमान होता, तो मुफ्त बिजली के लिए तय तीन हजार करोड़ रुपये का गबन करता, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं करता और बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता।”
भ्रष्टाचार और ईमानदारी पर सवाल
केजरीवाल ने सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने दिल्ली में जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, लेकिन बीजेपी शासित 22 राज्यों में ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “उनके पास 22 राज्यों में सरकारें हैं, लेकिन कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं है। तो फिर चोर कौन है? केजरीवाल चोर है या वो लोग जिन्होंने केजरीवाल को जेल में डाला?”
मोदी और BJP पर गंभीर आरोप
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कामकाज पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी देशभर में सरकारों को गिराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों के जरिये नेताओं को धमकाया जा रहा है या उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
RSS और मोहन भागवत पर सवाल
केजरीवाल ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके प्रमुख मोहन भागवत से भी सीधे सवाल किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी का जन्म RSS से हुआ है, इसलिए संघ की जिम्मेदारी बनती है कि वह पार्टी को गलत रास्ते पर जाने से रोके। उन्होंने पूछा कि क्या RSS ने कभी प्रधानमंत्री मोदी को गलत काम करने से रोका है।
केजरीवाल ने कहा, “मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं, क्या आपने कभी मोदी जी से पूछा कि वह सरकारों को गिराने के लिए ED और CBI का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? क्या RSS ने बीजेपी को भ्रष्टाचार से रोकने के लिए कुछ किया है?”
BJP और RSS के रिश्ते पर तंज
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और RSS के रिश्ते पर भी तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि अब पार्टी को RSS की जरूरत नहीं है। उन्होंने भागवत से सवाल किया कि क्या उन्हें यह देख कर दुख होता है कि बीजेपी, जो संघ की “संतान” है, अपनी “मां” (RSS) से दूर जा रही है?
नेतृत्व पर सवाल
केजरीवाल ने बीजेपी में नेतृत्व के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने बताया कि RSS ने 75 साल की उम्र के बाद नेताओं के लिए सेवानिवृत्ति का नियम बनाया है, जो लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं पर लागू हुआ। लेकिन हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह नियम प्रधानमंत्री मोदी पर लागू नहीं होगा। केजरीवाल ने पूछा, “आडवाणी जी पर जो नियम लागू हुआ, वो मोदी जी पर क्यों लागू नहीं होगा? अमित शाह जी कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा, तो ऐसा क्यों?”
अरविंद केजरीवाल ने इस भाषण के माध्यम से अपनी छवि को साफ रखने का प्रयास किया और अपने ऊपर लगे आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया। उन्होंने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए जनता से समर्थन की अपील की और बीजेपी के नेतृत्व और उसके कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए।