तिरुपति लड्डू विवाद के बाद सांसद डिंपल यादव ने की मथुरा के पेडा की भी जांच कराने की की मांग, मचा बवाल!!

मथुरा में खोया से बनने वाली मिठाइयों पर भी अब संदेह के बादल छा गए हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है। मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने मथुरा में मिलने वाले खोये की जांच कराने की मांग की है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने की खबरें चर्चा में हैं। डिंपल यादव ने इस मुद्दे को ‘बहुत गंभीर’ बताते हुए कहा कि मथुरा में बिक रहे खोये में भी मिलावट की शिकायतें सामने आ रही हैं, और इसकी भी गहन जांच होनी चाहिए।

डिंपल यादव की मांग

डिंपल यादव ने ‘जन जागरण संविधान बचाओ साइकिल यात्रा’ के दौरान पत्रकारों से बातचीत में तिरुपति लड्डू प्रसाद में चर्बी मिलने की घटनाओं पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने इस मामले को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। डिंपल ने सरकार से अपील की कि वह तुरंत इस मामले की जांच करवाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दे। उन्होंने आगे कहा कि मथुरा में भी खोये में मिलावट की खबरें मिल रही हैं और इसे भी गंभीरता से लेना चाहिए। मथुरा के खोये की गुणवत्ता की जांच करने की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया और कहा कि राज्य सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

खाद्य सुरक्षा और मिलावट का मुद्दा

उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (FSDA) ने मथुरा के प्रमुख मंदिरों से प्रसाद के 13 नमूने जांच के लिए इकट्ठे किए हैं। इसका उद्देश्य मथुरा के मिठाई उद्योग में मिलावट की जांच करना है। डिंपल यादव ने खाद्य विभाग की विफलताओं पर भी सवाल उठाए, उनका आरोप था कि मिलावटी खाद्य पदार्थ और तेल गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं और खाद्य विभाग इस पर लापरवाही बरत रहा है। उनकी चिंता इस बात पर थी कि स्वास्थ्य संबंधी खतरों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से लोग बीमार हो रहे हैं।

तिरुपति लड्डू में मिलावट का मामला

तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट के आरोपों ने देशभर में आक्रोश फैलाया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को घटिया घी की आपूर्ति के लिए तमिलनाडु की एक कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में FSSAI ने ‘ए आर डेरी फूड प्राइवेट लिमिटेड’ से सवाल किया है कि खाद्य सुरक्षा मानक 2011 के उल्लंघन के लिए उसका लाइसेंस क्यों न रद्द कर दिया जाए।

FSSAI ने अपनी जांच में पाया कि तमिलनाडु स्थित इस कंपनी ने पिछले चार साल से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति की है, लेकिन उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह मामला तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डू से जुड़ा है, जिसे भक्तों में काफी श्रद्धा से देखा जाता है। आरोप है कि इस लड्डू में घटिया घी और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं।

शंकराचार्य की कड़ी प्रतिक्रिया

तिरुपति लड्डू में चर्बी मिलाने के आरोपों को लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने इस घटना के लिए तिरुपति मंदिर के पूरे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य ने कहा कि इतनी गंभीर घटना होने के बावजूद तिरुपति मंदिर के ट्रस्टी और बड़े अधिकारी दोषी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जांच चाहे किसी भी व्यक्ति पर जाकर रुके, लेकिन मंदिर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उनके अनुसार, यह प्रशासनिक विफलता है और धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ भक्तों के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला मामला है।

शंकराचार्य ने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और जिम्मेदार लोगों को अपने पदों पर रहते हुए इस तरह की चूक की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने मंदिर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसी गंभीर घटनाओं के लिए महज जांच कर दिखावा करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

मिलावट के खिलाफ सख्त कदम की मांग

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जैसे प्रमुख नेताओं की चिंताओं ने इस मुद्दे को और बढ़ावा दिया है। डिंपल ने मिलावटी खाद्य पदार्थों से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव पर जोर देते हुए सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द इन मामलों की जांच कर दोषियों को सख्त सजा दे।

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