केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के लिए “जल जगार” का भाजपाईकरण – सुरेन्द्र वर्मा

नवरात्र के दौरान माता अंगारमोती के भक्तों को किया परेशान, स्थानीय कारोबारियों के गुमटीयों पर चलाएं बुल्डोजर

न्यूज़लाइन नेटवर्क, स्टेट ब्यूरो

रायपुर : धमतरी जिले के गंगरेल बांध में आयोजित “जल जगार महोत्सव” के आयोजन की व्यवस्था और तरीके पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केवल अपने लोगों को उपकृत करने, मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचार के लिए इस पूरे आयोजन का भाजपाईकरण किया गया। छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोक कलाकारों की भारी उपेक्षा की गई पंडवानी, ददरिया, चंदैनीगोंदा, हरेली जैसे बड़े छत्तीसगढ़िया सांस्कृतिक कलाकारों की उपेक्षा करके भाजपा के एक विधायक को कला का मापदंड बताना, भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार का उदाहरण है। टेंडर प्रक्रिया से पहले कलाकार का नाम तय कर लेना, उस सरकारी आयोजन के पोस्टर में पहले से ही उनकी तस्वीर प्रकाशित होना, यह प्रमाणित करता है कि जनता के पैसों को अपनी पार्टी से संबंधित लोगों पर लूटाकर अन्य छत्तीसगढ़िया कलाकारों के साथ छल किया गया।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नवरात्रि के पावनपर्व के दौरान माता अंगारमोती के भक्तों को जिस तरह से परेशान किया गया वह निंदनीय है। आयोजन के लिए गरीबों के टपरी, होटल, दुकानों को उजाड़ दिया गया। माता के भक्तों से पार्किंग शुल्क के नाम पर अनाप शनाप वसूली किया गया, स्थानीय लोगों के द्वारा जो माता अंगारमोती के पूजन सामग्री की गुमटियां लगाई गई थी, उस तक को जबरिया हटा दिए। छत्तीसगढ़ के वेंडर और इवेंट कंपनियों के बजाय गुजरात और महाराष्ट्र के मुंबई के ठेकेदारों को काम दिया गया। कार्यक्रम स्थल के डेकोरेशन तक का काम स्थानीय लोगों को न देकर गुजरात और मुंबई के लोगों को दिया गया। कार्यक्रम स्थल में प्रदर्शनी लगाने का काम भी भाजपा की सरकार ने कमीशनखोरी के लालच में बाहर के लोगों को दिया।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि इस सरकारी कार्यक्रम में आयोजित मैराथन में भाग लेने के लिए भी शुल्क लिया गया, भाजपा सरकार के मुनाफाखोरी का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? इससे पहले कभी इस तरह वसूली नहीं हुई। स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष जैसे तमाम जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करके पूरे कार्यक्रम का भाजपाईकरण कर दिया गया। कार्यक्रम का जो पोस्टर जारी किया गया, उसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर को भगवान भोलेनाथ के ऊपर स्थान देकर सनातनियों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया। कार्यक्रम के लिए अधिकारियों पर राइसमिलर, ऑटोमोबाइल व्यवसायीयों सहित हर संस्था से जबरिया वसूली किया गया, अस्पताल तक को नहीं छोड़े, करोड़ों रुपए धमतरी जिले से वसूला गया और धमतरी के लोगों को ही कोई काम नहीं मिला। जल जगार का पूरा उत्सव वास्तव में भाजपा नेताओं के अवैध धन संग्रह का जगार साबित हुआ, भाजपा समर्थित लोगों पर धन लूटाने के लिए यह आयोजन रखा गया था।

Leave a Reply

error: Content is protected !!