भोजन में नमक न होने पर उसका स्वाद फीका हो जाता है, और इसकी अहमियत इतनी ज्यादा है कि हम इसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। नमक की इस अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए भारत में एक ऐतिहासिक आंदोलन हुआ था, जिसे दांडी यात्रा या नमक सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ था, जो नमक पर ब्रिटिश कराधान के खिलाफ था। अब हम आपको बताते हैं कि नमक हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है, और इसके अत्यधिक सेवन से हर साल कितने लाख लोगों की मौत हो जाती है।
शरीर पर नमक का प्रभाव
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के कार्यक्रम ‘द फूड चेन’ में नमक के हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई है। इस कार्यक्रम में बताया गया कि नमक हमारे शरीर के लिए किस हद तक खतरनाक हो सकता है। लेकिन यहां यह भी समझना जरूरी है कि नमक, चाहे कितना भी खतरनाक हो, हमारे शरीर के लिए अनिवार्य है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नमक के बिना जीवन संभव नहीं है।
पॉल ब्रेस्लिन, जो अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी में न्यूट्रिशनल साइंसेस के प्रोफेसर हैं, इस पर जोर देते हैं कि “नमक जीवन के लिए आवश्यक है।” उनका तर्क यह है कि नमक, खासतौर पर उसमें मौजूद सोडियम, शरीर की कोशिकाओं के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। यह कोशिकाओं के बीच संदेश भेजने, मांसपेशियों की क्रियाओं और तरल पदार्थों के संतुलन में मदद करता है। बिना पर्याप्त सोडियम के, हमारा शरीर सही तरीके से काम नहीं कर सकता।
अगर शरीर को पर्याप्त मात्रा में सोडियम नहीं मिलता है, तो यह जानलेवा हो सकता है। सोडियम की गंभीर कमी से हाइपोनेट्रेमिया नाम की स्थिति पैदा होती है, जिसमें खून में सोडियम का स्तर काफी कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप भ्रम, उल्टी, दौरे, चिड़चिड़ापन और यहां तक कि कोमा जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह स्थिति बिना सोडियम के ज्यादा समय तक जीवित रहना असंभव बना देती है। इसलिए, नमक की एक सीमित मात्रा शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है।
नमक का सेवन और उससे जुड़ी मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन लगभग 5 ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए, जो करीब एक चम्मच के बराबर होता है। इसमें करीब 2 ग्राम सोडियम होता है। यह सोडियम शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को सही ढंग से संचालित करने के लिए पर्याप्त होता है। लेकिन आज की जीवनशैली में, लोग इसका दोगुना सेवन कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर औसतन एक व्यक्ति हर दिन करीब 11 ग्राम नमक का सेवन करता है, जो अनुशंसित मात्रा से लगभग दोगुना है। अत्यधिक नमक के सेवन से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि:
- हृदय रोग: अधिक नमक के सेवन से रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
- गैस्ट्रिक कैंसर: अत्यधिक नमक का सेवन पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस: ज्यादा नमक का सेवन हड्डियों से कैल्शियम की कमी को बढ़ा सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियां हो सकती हैं।
- मोटापा: ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ अधिक कैलोरी वाले होते हैं, जो मोटापे का कारण बनते हैं।
- किडनी रोग: किडनी पर अधिक बोझ डालने से उसका कार्य प्रभावित होता है और समय के साथ किडनी की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
नमक से जुड़ी मौतों का आंकड़ा
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर साल दुनिया भर में लगभग 18.9 लाख लोग नमक से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और स्ट्रोक प्रमुख कारण होते हैं, जो नमक के अत्यधिक सेवन से होते हैं। हालांकि, ये मौतें सीधे नमक की वजह से नहीं होतीं, बल्कि जिन बीमारियों का कारण नमक है, वे इस मृत्यु दर में योगदान देती हैं। अत्यधिक नमक सेवन के कारण शरीर में होने वाले विकार धीरे-धीरे बीमारियों का रूप ले लेते हैं, जो आखिरकार जानलेवा साबित होते हैं।
नमक सेवन को नियंत्रित करने के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नमक का सेवन नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। लोगों को ज्यादा नमक वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और ताजे फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, नमक का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि खाने में कम से कम नमक डाला जाए। इसी तरह की सलाह चीनी के सेवन को लेकर भी दी जाती है, क्योंकि चीनी का अधिक सेवन भी स्वास्थ्य के लिए उतना ही हानिकारक है।
नमक जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन इसे सही मात्रा में लेना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर को फायदा मिले और बीमारियों से बचा जा सके।