अमोनिया में डुबोया, मिट्टी से रगड़ा और बनाया नकली नया आलू: जानें कैसे हो रही है आपकी सेहत से खिलवाड़
30 रुपए का आलू 50 में बेच रहे हैं मुनाफाखोर, बन रहे हैं लाखों के मुनाफे के पीछे जानलेवा साजिश
अगर आप बाजार में आलू खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि “नए आलू” के नाम पर नकली, केमिकल से तैयार किया गया और खतरनाक आलू धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। झारखंड के रांची शहर में यह धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां बाजारों में पुराने आलू को रासायनिक प्रक्रियाओं से नया बनाकर 50 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। असल में, इस आलू की बाजार कीमत सिर्फ 30 रुपये प्रति किलो है, लेकिन मुनाफाखोर इसे नया बताकर उपभोक्ताओं से 50 रुपये वसूल रहे हैं, जिससे वे प्रति किलो लगभग 20 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।
यह मुनाफा न केवल आर्थिक धोखाधड़ी है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि इस नकली आलू को कैसे तैयार किया जाता है, यह कैसे बाजार में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए किस हद तक खतरनाक हो सकता है।
कैसे तैयार किया जा रहा है नकली नया आलू?
पुराने आलू को नया दिखाने की इस प्रक्रिया में मुनाफाखोर सबसे पहले आलू को अमोनिया के घोल में 12 घंटे तक रखते हैं। अमोनिया, एक रासायनिक तत्व है जो कृषि और उद्योग में उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका गलत तरीके से इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। जब आलू को अमोनिया के घोल में रखा जाता है, तो उसका छिलका पतला हो जाता है और आसानी से उतर जाता है। इससे आलू की बाहरी सतह मुलायम हो जाती है, जो उसे नया आलू दिखाने में मदद करती है।
अमोनिया के घोल से निकालने के बाद इन आलुओं को लाल मिट्टी से रगड़ा जाता है। लाल मिट्टी से रगड़ने का उद्देश्य यह होता है कि आलू का छिलका पूरी तरह हट जाए और उसकी सतह चिकनी हो जाए। इस प्रक्रिया के बाद, जब ग्राहक आलू देखते हैं तो उन्हें लगता है कि यह ताजा, नया आलू है। लाल मिट्टी से ढके होने के कारण इसे और भी अधिक नया दिखाया जाता है, जिससे उपभोक्ता इसे खरीदने के लिए आसानी से धोखा खा जाते हैं।
नकली आलू की पहचान कैसे करें?
आम उपभोक्ता के लिए इस नकली आलू की पहचान करना मुश्किल होता है क्योंकि यह दिखने में बिल्कुल नया आलू लगता है। छिलका हटाया हुआ और लाल मिट्टी से ढका हुआ आलू देखने में आकर्षक होता है, और लोग बिना ज्यादा सोचे-समझे इसे नया मानकर खरीद लेते हैं। हालांकि, यह आलू कुछ ही दिनों में सड़ने लगता है और इसका रंग बदलने लगता है। दो दिनों के भीतर ही इस आलू का रंग फीका हो जाता है और इसका स्वाद भी खराब हो जाता है।
डॉक्टरों की चेतावनी: स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर इस तरह के रासायनिक आलू के सेवन को अत्यंत खतरनाक मानते हैं। अमोनिया का उपयोग उद्योगों में कीटनाशक और रसायन के रूप में किया जाता है, लेकिन इसका खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल शरीर के लिए गंभीर नुकसानदेह हो सकता है। अमोनिया युक्त आलू का सेवन करने से शरीर के विभिन्न अंगों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार:
- पाचन तंत्र: अमोनिया वाले आलू का नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह पेट में दर्द, जलन और अल्सर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- लीवर और किडनी: अमोनिया का अत्यधिक सेवन लीवर और किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। अमोनिया शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण करता है, जो लीवर और किडनी की क्रियाओं को बाधित कर सकता है और समय के साथ इन अंगों की विफलता का कारण बन सकता है।
- सांस की समस्याएं: अमोनिया का सेवन फेफड़ों और सांस की नली पर बुरा असर डालता है। इससे आंखों, नाक और गले में जलन महसूस होती है। लंबे समय तक इसका सेवन सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।
- दृष्टि संबंधी समस्याएं: अमोनिया के लगातार सेवन से दृष्टि संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसका असर आंखों पर भी पड़ सकता है।
रांची के बाजारों में धोखाधड़ी का खेल
रांची के विभिन्न बाजारों में यह आलू धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि अभी बाजार में असली नया आलू उपलब्ध नहीं है। रांची के नागाबाबा खटाल में आलू-प्याज के थोक विक्रेता धर्मेंद्र साहू ने बताया कि असली नया आलू अभी बाजार में नहीं आया है। उन्होंने खुलासा किया कि यह केमिकलयुक्त आलू ही है जिसे नया बताकर बेचा जा रहा है। ऐसे आलू ज्यादातर छोटे विक्रेता बेच रहे हैं जो बाजार में कभी-कभी आते हैं, जबकि पुराने और अनुभवी दुकानदार इस प्रकार के नकली आलू से बचते हैं।
कैसे बचें इस धोखाधड़ी से?
इस प्रकार के नकली आलू से बचने के लिए ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको इस तरह की धोखाधड़ी से बचने में मदद कर सकते हैं:
- छिलके को देखें: नया आलू देखने में ताजा और स्वस्थ लगता है, जबकि नकली आलू का छिलका उतरने के बाद भी एक अजीब से रंग और चिकनाहट लिए होता है।
- आलू की स्थिरता: नया आलू मजबूत और ठोस होता है, जबकि नकली आलू नरम हो सकता है और दबाने पर टूट सकता है।
- सड़ने का समय: अगर खरीदे गए आलू दो दिनों के भीतर सड़ने लगें तो यह संकेत हो सकता है कि आपने नकली आलू खरीदा है।
- विश्वसनीय दुकानदारों से खरीदें: हमेशा विश्वसनीय और नियमित रूप से बाजार में मौजूद दुकानदारों से ही आलू खरीदें, जो इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल नहीं होते।
आलू हमारे खाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन नए आलू के नाम पर बेचे जा रहे केमिकलयुक्त आलू से आपकी सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है। यह नकली आलू न केवल आर्थिक धोखाधड़ी है बल्कि यह आपके शरीर के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए आलू खरीदते समय हमेशा सतर्क रहें और सही पहचान करने की कोशिश करें ताकि आप इस धोखाधड़ी से बच सकें।