गोवा में दीपावली का उत्सव गुरुवार की सुबह से ही भव्यता के साथ आरंभ हो गया, जिसमें राक्षस नरकासुर के विशाल पुतलों का दहन किया गया। यह परंपरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और गोवा में इसे विशेष महत्व दिया जाता है। पुतले जलाने से पहले उन्हें पूरे शहर में प्रदर्शित किया गया, ताकि लोग इस अनूठे परंपरा का आनंद ले सकें।
नरकासुर का पौराणिक इतिहास
नरकासुर एक पौराणिक राक्षस था, जो अपनी शक्तियों के लिए कुख्यात था। उसकी उत्पत्ति की कहानी विभिन्न ग्रंथों में वर्णित है। कहा जाता है कि नरकासुर ने धरती पर अत्याचार फैलाया और देवताओं के लिए खतरा बन गया। भगवान कृष्ण ने नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध किया, जिससे धरती पर शांति स्थापित हुई। यही कारण है कि नरकासुर का वध बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन नरकासुर के पुतले को जलाकर लोग दीवाली का जश्न मनाते हैं, यह दर्शाता है कि अंततः सच्चाई और न्याय की विजय होती है।
गोवा के सीएम और राज्यपाल का संदेश
इस अवसर पर, गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दीपावली की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा, “दीपावली का पर्व केवल एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।” मुख्यमंत्री सावंत ने इस पर्व के महत्व को बताते हुए कहा, “भारत एक विविधता से भरा देश है, जहां विभिन्न धर्म, संस्कृति और भाषाएं हैं। दीपावली इस विविधता में एकता लाने का काम करती है।”
गोवा में दीपावली के आयोजन
बुधवार रात को गोवा में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें हजारों लोग शामिल हुए। इन कार्यक्रमों में स्थानीय संगीत, नृत्य और नाटक शामिल थे, जो गोवा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। इस अवसर पर, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।
रंगोली और लक्ष्मी पूजा
देशभर में दीपावली के दिन घरों को सजाने की परंपरा होती है। लोग अपने घरों के बाहर रंगोली बनाते हैं, जो माता लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक मानी जाती है। रंग-बिरंगे रंगों से बनाई गई रंगोली न केवल घर को सजाती है, बल्कि इसे सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है। इसके साथ ही, लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। पूजा के दौरान लोग फूल, मिठाई, फल और अन्य नैवेद्य अर्पित करते हैं, ताकि उनके घर में सुख-समृद्धि का वास हो।
दीपावली का महत्व
दीपावली केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह जीवन में आशा, सुख और समृद्धि का संदेश लेकर आता है। यह अवसर न केवल व्यक्तिगत खुशियों का समय है, बल्कि समाज में आपसी संबंधों को मजबूत करने का भी एक साधन है। इस पर्व के दौरान, लोग अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होते हैं और सभी को अपने-अपने परिवारों और दोस्तों के साथ मिलकर जश्न मनाने का अवसर मिलता है।
इस प्रकार, गोवा में नरकासुर के पुतले का दहन और दीपावली का उत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर साल लोगों को एकजुट करता है और बुराई पर अच्छाई की विजय की याद दिलाता है।