न्यूजलाइन नेटवर्क , स्टेट ब्यूरो
रायपुर : छत्तीसगढ़ के जिला मुंगेली अंतर्गत उपमुख्यमंत्री अरूण साव के विधानसभा क्षेत्र लोरमी में तहसील कार्यालय का नाजिर में मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि के लिए गए हितग्राही को तीन माह से चक्कर काटना पड़ रहा है इस दौरान हितग्राही का २००० रूपए आने जाने में ही खर्च हो गया है।
जब भी हितग्राही अनुदान राशि के लिए नायब नाजिर शाखा तहसील कार्यालय लोरमी जाते हैं,तब तब वहां पदस्थ कर्मचारी अभिषेक गर्ग द्वारा ३० प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है आज दिनांक २१ नवंबर २०११ को ११:२५ पर हितग्राही के द्वारा कार्यालय पहुंचकर पुनः अनुदान राशि की मांग किया गया तब यह कहा गया कि या तो तीस प्रतिशत कमीशन देकर चेक ले जाइए या फिर तहसीलदार/नायब तहसीलदार से बात करना होगा जब वे बिना कमीशन राशि देने कहेंगे तो ही चेक दे पाऊंगा अन्यथा आप कलेक्टर के पास जाओ चाहे मुख्यमंत्री के पास जाओ चेक तूम्हे नहीं मिलने वाला ,और तुम एक अकेले कुछ नहीं उखाड़ पाओगे।
गर्ग ने बताया कि तहसील व नायब तहसीलदार अभी हड़ताल पर हैं,जब हड़ताल खत्म हो जाए फिर कमीशन लेकर आ जाना या फिर उनसे ही बात कर लेना जब तक वे देने नहीं कहेंगे तब तक नहीं दूंगा चाहे जहां जाओ।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि हितग्राही के नाम आबंटित हो चुका है, पैसे तहसील नाजिर तक आ चुके हैं और हितग्राही ने अपना पहचान तथा आधार कार्ड व खाता पासबुक का प्रतिलिपि तीन माह पहले ही जमा कर दिया है तो उसे लाभान्वित करने के लिए अलग-अलग अधिकारियों तहसीलदार/नायब तहसीलदार के लिए ३० प्रतिशत कमीशन या निवेदन करने पैर पकड़ने या गिड़गिड़ाने की क्या आवश्यकता होगी, जबकि हितग्राही को सिर्फ १० हजार रुपए की अनुदान राशि वह भी आवश्यक ईलाज के लिए आबंटित किया गया है।
बता दें कि यह लोरमी विधानसभा क्षेत्र,उप मुख्यमंत्री अरुण साव का विधान सभा क्षेत्र हैं,जब यहां ऐसी स्थिति है कि कलेक्टर व मुख्यमंत्री का भय नहीं तो बाकी क्षेत्रों में क्या हालात होगी।
उक्त विषय पर एसडीएम लोरमी अजीत पुजारी से प्रतिक्रिया लेने का संपर्क किया गया, किंतु उन्होंने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। कलेक्टर राहुल देव से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु संपर्क नहीं हो सका।