अदाणी फाउंडेशन की पहल से बस्ती के हर परिवार को मिला एक किलोवॉट का सोलर पैनल, दो बैटरी, इन्वर्टर, तीन एलईडी बल्ब और एक टेबल फैन।

ब्यूरो रिपोर्ट सिंगरौली।

सिंगरौली/मध्य प्रदेश। ऊर्जा राजधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली जिले में रहने के बावजूद 23 बैगा परिवारों ने अदाणी के सात दशक बाद अपने घरों में पहली बार अदाणी फाउंडेशन की बदौलत अब जाकर बिजली देखी। सरई तहसील के मझौली पाठ पंचायत स्थित घने जंगलो और पहाड़ियों से घिरी आदिवासियों की बस्ती बासी में अब 23 परिवारों के 105 लोग अंधेरे में रहने को विवश नहीं होंगे। बुधवार को इस बस्ती के सभी घरों में स्थापित सौर ऑफ ग्रिड सोलर प्रणाली का लोकार्पण स्थानीय विधायक डॉ. राजेन्द्र मेश्राम, अदाणी समूह के चीफ ऑफ क्लस्टर बच्चा प्रसाद और क्लस्टर एचआर प्रमुख विकास सिंह के द्वारा किया गया। इसके साथ ही सभी 23 परिवारों को नि:शुल्क साइकिल प्रदान किए गए। इसके साथ ही इनके बीच आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संगीत वाद्ययंत्र भी प्रदान किए गए। वही बासी-बेरदहा गांव अंतर्गत बासी टोला में रह रहे लगभग 23 जनजातीय परिवारों पर अदाणी फाउंडेशन की नजर गई। जहां चारों ओर पहाड़ों और घने जंगलों से घिरे एक दुर्गम स्थान में रह रहे हैं। स्थान दुर्गम रहने के कारण ये सामुदायिक विकास में क्रमश: पिछड़ते चले गए।

आज यहां के लोग न केवल अशिक्षा के शिकार हैं, बल्कि ये जनजातीय जागरूकता के अभाव में मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। दुर्गम इलाका होने के कारण आजादी के बाद से इस बस्ती में बिजली कनेक्शन नहीं था। अदाणी फाउंडेशन की टीम ने चुनौतीपूर्ण स्थान के बावजूद, समग्र विकास के लिए बासी बस्ती को अपनाया है। उनके द्वारा सभी 23 घरों में ऑफ ग्रिड सोलर प्रणाली लगाया है।

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