खनिज साधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश जारी

न्यूज़लाइन नेटवर्क, रायपुर ब्यूरो

रायपुर : छत्तीसगढ़ खनिज साधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम-15 के क्रियान्वयन के संबंध में आज मंत्रालय से नये दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।जिसके तहत जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद द्वारा ऐसे कार्य जिन्हें प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, परंतु कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, ऐसे अप्रारंभ कार्याें पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 के नियम 5 अनुसार ‘‘जिला खनिज सस्थान न्यास का उद्देश्य खनन अथवा खनन से संबधित संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्ति एवं क्षेत्र के हित एवं लाभ के लिए ऐसी रीति से कार्य करना है‘‘ नियम-22 अनुसार न्यास निधि का उपयोग किये जाने का प्रावधान है। न्यास की गतिविधियों के सफल संचालन के लिए समय-समय पर राज्य शासन द्वारा विभिन्न निर्देश जारी किये गये हैं, जिनके तारतम्य में आज खनिज विभाग द्वारा नये निर्देश जारी किए गए हैं।समस्त कलेक्टर-सह-अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास को छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 के नियम-10. 11 एवं 12 (1) के संदर्भ में निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है -छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 (यथा संशोधित) अन्तर्गत कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, जिला खनिज संस्थान न्यास/शासी परिषद द्वारा ऐसे कार्य जिन्हें प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, परन्तु कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, ऐसे अप्रारंभ कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाये।शासी परिषद् द्वारा ऐसे अप्रारंभ कार्य की पुन समीक्षा की जाए। तत्पश्चात् शासी परिषद के निर्णय/अनुमोदन अनुसार ही अग्रिम आवश्यक कार्यवाही की जाए।कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, जिला खनिज संस्थान न्यास द्वारा शासी परिषद के बिना प्रशासकीय स्वीकृति के कोई भी नये कार्य प्रारंभ नहीं किए जाएं।छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम-10 (1ख) के प्रावधान अन्तर्गत संबंधित जिले के समस्त नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य, जो पदेन सदस्य हैं। ऐसे समस्त विधानसभा सदस्यों को तत्काल सूचित किया जाए।छत्तीसगढ़ जिला खनिज सस्थान न्यास नियम 2015 के नियम-10(2), 10 (3) एवं 10(4) के प्रावधान अन्तर्गत संबंधित जिले के ऐसे नामांकित जनप्रतिनिधियों/सदस्यों जिनकी कालावधि 3 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, उनके स्थान पर नये नामांकन किए जाएं।

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