सुबह के समय फर्रुखाबाद जिले के मऊदरवाजा क्षेत्र के जसमई गांव में एक खौफनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। गांव के निवासी राजेश दीक्षित उर्फ नन्हें अपने आलू के खेत में सिंचाई कर रहे थे, जब अचानक झाड़ियों से निकलकर एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले से राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी दर्द भरी चीखें सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने मदद के लिए दौड़ लगाई और लाठी-डंडे लेकर तेंदुए को भगाने की कोशिश की।
तेंदुए का कहर और ग्रामीणों की हिम्मत
ग्रामीणों की भीड़ और शोर-शराबा देखकर तेंदुआ खेत छोड़कर बघार नाले की ओर भागा। भागते समय उसने रास्ते में सड़क से गुजर रहे दो छात्रों समेत कुल सात लोगों को घायल कर दिया। घबराए ग्रामीणों ने तेंदुए को चारों तरफ से घेर लिया और लाठियों से हमला किया। इस हमले से तेंदुआ घायल तो हो गया, लेकिन इससे वह और अधिक हिंसक हो गया। घायल तेंदुआ बचने के लिए फिर से आलू के खेत में जाकर छिप गया।
प्रशासन और वन विभाग की सक्रियता
इस अप्रत्याशित घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम सदर, थाना प्रभारी और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। अधिकारियों ने तेंदुए की खोजबीन शुरू की, लेकिन स्थिति तब और गंभीर हो गई जब तेंदुए ने वन विभाग के दारोगा और दो वन रक्षकों पर हमला कर दिया। इस हमले में तीनों घायल हो गए।
तीसरा हमला और घायल ग्रामीण
तेंदुए ने तीसरी बार हमला किया, जिसमें कई अन्य लोग घायल हो गए। कुल 16 लोग इस घटना में घायल हुए, जिनमें से 11 को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाकी घायलों को उनके परिजन निजी अस्पताल ले गए। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
तेंदुए को काबू में करने की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति की निगरानी करने लगे। शाम तक कानपुर से विशेषज्ञ टीम बुलाई गई, जिन्होंने तेंदुए को बेहोश करने के लिए ट्रैंक्विलाइजर गन का इस्तेमाल किया। बेहोश किए जाने के बाद तेंदुए को जाल में फंसाया गया और पिंजरे में बंद कर लिया गया।
गांव में दहशत और प्रशासन की राहत
यह घटना पूरे गांव के लिए डरावनी और अभूतपूर्व थी। लोग घरों से बाहर निकलने में भी घबरा रहे थे। हालांकि, प्रशासन और वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति पर नियंत्रण पा लिया।
घटना का असर
इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीवों और मानव के बीच टकराव के मुद्दे को एक बार फिर उजागर कर दिया। ग्रामीणों ने तेंदुए के जंगल से भटककर गांव तक आने के पीछे के कारणों की जांच की मांग की है। वन विभाग ने तेंदुए को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर छोड़ने की योजना बनाई है।
घायलों की स्थिति पर नजर
घटना के बाद से घायलों के स्वास्थ्य पर प्रशासन पूरी निगरानी रख रहा है। अधिकारियों ने घायलों के परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
इस तरह की घटनाएं न केवल वन्यजीव संरक्षण बल्कि मानव सुरक्षा के संतुलन की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं।